उत्तराखंड में नये मुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद बीते दिन मंत्रिमंडल के सदस्यों ने भी शपथ ली. 8 कैबिनेट मंत्री और 3 राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार को राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने देहरादून में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी.
(Uttarakhand Cabinet Expansion)
नये मंत्रिमंडल में पूर्व कैबिनेट मंत्री मदनमोहन कौशिक को छोड़ सभी पुराने मंत्रियों के साथ नये चेहरे भी शामिल किये गये. पूर्व भाजपा अध्यक्ष बंशीधर भगत, डीडीहाट से विधायक बिशन सिंह चुफाल, हरीश रावत को हराने वाले यतीश्वरानन्द और मसूरी के गणेश जोशी मंत्रिमंडल में शामिल नये चेहरे हैं.
शपथ ग्रहण समारोह में सबसे आकर्षण का केंद्र रही मंत्रिमंडल में शामिल एकमात्र महिला सदस्य रेखा आर्य. रेखा आर्य सोमेश्वर से विधायक है और त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय देख रही थी.
रेखा आर्य ने पारंपरिक वेशभूषा में शपथ ली. उन्होंने नाक में नथुली और सिर रंगीली से ढककर एक सांकेतिक संदेश देने की कोशिश की. रेखा आर्य की इस पारम्परिक वेशभूषा की सबसे ख़ास बात यह थी कि उन्होंने राज्य में पहने जाने वाले लगभग सभी आभूषण पहने थे.
(Uttarakhand Cabinet Expansion)
रेखा आर्य का नथुली और रंगीली में इस तरह शपथ लेना एक मजबूत सांकेतिक संदेश देता है. उनकी यह कोशिश राज्य में अपनी संस्कृति को बढ़ावा देने की एक पहल के रूप में देखी जा रही है. तीरथ सिंह रावत की हुई कैबिनेट की पहली बैठक में भी रेखा आर्य का इस पारम्परिक वेशभूषा में शामिल होना सुखद है.
तीरथ सिंह रावत की पहली कैबिनेट बैठक में कुछ महत्वपूर्ण फैसले लिये गये. इसमें लॉकडाउन अवधि के दौरान एपिडेमिक एक्ट व आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत प्रदेश भर में दर्ज किए गए मुकदमों को वापस लेने का निर्णय लिया है. इसके अलावा राज्य मंत्रिमंडल ने वर्ष 2016 के बाद बनाए गए विकास प्राधिकरणों को लेकर निर्णय लिया है कि वर्ष 2016 से पूर्व की स्थिति बनी रहेगी और प्राधिकरणों का मानचित्र स्वीकृत करने का अधिकार स्थगित रहेगा.
(Uttarakhand Cabinet Expansion)
Support Kafal Tree
.
काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें
(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में आज से कोई 120…
उत्तराखंड के सीमान्त जिले पिथौरागढ़ के छोटे से गाँव बुंगाछीना के कर्नल रजनीश जोशी ने…
(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में…
पिछली कड़ी : साधो ! देखो ये जग बौराना इस बीच मेरे भी ट्रांसफर होते…
आपने उत्तराखण्ड में बनी कितनी फिल्में देखी हैं या आप कुमाऊँ-गढ़वाल की कितनी फिल्मों के…
“भोर के उजाले में मैंने देखा कि हमारी खाइयां कितनी जर्जर स्थिति में हैं. पिछली…