Sundar Chand Thakur

पहाड़ और मेरा बचपन – 6

(पिछली क़िस्त से आगे. पिछली क़िस्त का लिंक - पहाड़ और मेरा बचपन दिल्ली की कुछ और यादें मेरे स्मृतिपटल…

6 years ago

पहाड़ और मेरा बचपन – 5

पिछली क़िस्त - पहाड़ और मेरा बचपन – 4 गांव में उन बहुत बचपन के दिनों के बाद मुझे दिल्ली…

6 years ago

पहाड़ और मेरा बचपन – 4

पिछली क़िस्त पहाड़ और मेरा बचपन – 3 गांव की और भी कई धुंधली यादें हैं. मसलन यह कि मैं…

6 years ago

पहाड़ और मेरा बचपन – 3

पिछली क़िस्त पहाड़ और मेरा बचपन – 2 मां आस-पास की ऐसी औरतों को जानती थी, जिन्होंने खुद भी गाय…

6 years ago

पहाड़ और मेरा बचपन – 2

(पिछली क़िस्त का लिंक: पहाड़ और मेरा बचपन - सुंदर चंद ठाकुर का नया कॉलम) मेरी दूसरी स्मृति एक सांप…

6 years ago

पहाड़ और मेरा बचपन – सुंदर चंद ठाकुर का नया कॉलम

[देश के प्रमुख पत्रकार-संपादकों व लेखकों में गिने जाने वाले सुन्दर चंद ठाकुर मूलतः जिला पिथौरागढ़ के एक छोटे से…

6 years ago

यथार्थ के दलदल में डूब जाएगा उनका गृहविज्ञान

गृहविज्ञान -सुन्दर चंद ठाकुर वे कौन सी तब्दीलियां थीं परंपराओं में कैसी थीं वे जरूरतें सभ्यता के पास कोई पुख्ता…

6 years ago

अकेलेपन का दर्द बूढ़े होकर ही जानेंगे हम

सुन्दर चन्द ठाकुर कवि, पत्रकार, सम्पादक और उपन्यासकार सुन्दर चन्द ठाकुर सम्प्रति नवभारत टाइम्स के मुम्बई संस्करण के सम्पादक हैं.…

6 years ago