Shiv Prasad Joshi

समझना मुश्किल है पहाड़ की औरत के एक दिन का हिसाब-किताब : विश्व महिला दिवससमझना मुश्किल है पहाड़ की औरत के एक दिन का हिसाब-किताब : विश्व महिला दिवस

समझना मुश्किल है पहाड़ की औरत के एक दिन का हिसाब-किताब : विश्व महिला दिवस

गांव जाता था तो मुझे मां जैसी ही ताई, चाची, दीदी, बुआएं भी लगती थीं. मैं हैरान होता था कि…

3 years ago
अपने ही भीतर मरते जा रहे हैं जीवित लोग: स्मृति शेष मंगलेश डबरालअपने ही भीतर मरते जा रहे हैं जीवित लोग: स्मृति शेष मंगलेश डबराल

अपने ही भीतर मरते जा रहे हैं जीवित लोग: स्मृति शेष मंगलेश डबराल

हिंदी कवि मंगलेश डबराल को गुज़रे एक साल हुआ. नौ दिसंबर 2020 को कोरोना महामारी से उनकी जान गई. प्रस्तुत…

3 years ago
एक कटी फटी परियोजना बन कर रह गया सेक्रेड गेम्स सीजन 2एक कटी फटी परियोजना बन कर रह गया सेक्रेड गेम्स सीजन 2

एक कटी फटी परियोजना बन कर रह गया सेक्रेड गेम्स सीजन 2

कहानी से भागता, बिखरता और टूटता सेक्रेड गेम्स सीजन 2 : बेशक सेक्रेड गेम्स भाग दो, गायतोंडे, सरताज, परोलकर, माजिद,…

5 years ago
हत्यारे ही सूत्रधार हैं ‘सेक्रेड गेम्स’ मेंहत्यारे ही सूत्रधार हैं ‘सेक्रेड गेम्स’ में

हत्यारे ही सूत्रधार हैं ‘सेक्रेड गेम्स’ में

‘वो बात सारे फ़साने में जिसका ज़िक्र न था’, वो बात ये है कि सेक्रेड गेम्स (Sacred Games) नाम की…

6 years ago
उन्हें अचानक गंगा में “भारत माता” क्यों दिखने लगी हैउन्हें अचानक गंगा में “भारत माता” क्यों दिखने लगी है

उन्हें अचानक गंगा में “भारत माता” क्यों दिखने लगी है

इस समय जरूरी है बांधों को लेकर उत्तराखंड के जनमानस के द्वंद्वों को सामने लाना. जो इतने भीषण और बहुआयामी…

6 years ago
प्रमोद कौंसवाल की कविताप्रमोद कौंसवाल की कविता

प्रमोद कौंसवाल की कविता

वो अपनी ही कविता के एक लुटेपिटे हैरान से थकान से चूर खून और गर्द से भरे चेहरे वाले आदमी…

6 years ago
गंगा की धारा और लोगों की ज़िंदगियांगंगा की धारा और लोगों की ज़िंदगियां

गंगा की धारा और लोगों की ज़िंदगियां

गंगा के उद्गम गोमुख और गंगोत्री से कुछ किलोमीटर नीचे उत्तरकाशी की तरफ़ यानी डाउनस्ट्रीम, तीन अहम जलबिजली परियोजनाएं थीं.…

6 years ago
क्या आपको भी अपने गाँव का घर बुलाता है?क्या आपको भी अपने गाँव का घर बुलाता है?

क्या आपको भी अपने गाँव का घर बुलाता है?

मेरे घर रह जाना -शिवप्रसाद जोशी “मेरी सबसे सतत और सजीव स्मृतियां लोगों के बारे में उतनी नहीं हैं जितनी…

6 years ago
“साब सीएम तो तिवारीजी ही थे”“साब सीएम तो तिवारीजी ही थे”

“साब सीएम तो तिवारीजी ही थे”

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री, आंध्रप्रदेश के पूर्व राज्यपाल और पूर्व केंद्रीय वित्त और विदेश मंत्री नारायण दत्त तिवारी नहीं रहे.…

6 years ago
बहुत कम समय भी रहता है देर तकबहुत कम समय भी रहता है देर तक

बहुत कम समय भी रहता है देर तक

मन का गद्य -शिवप्रसाद जोशी एक हल्की सी ख़ुशी की आहट थी. लेकिन जल्द ही ये आवाज़ गुम हो गई.…

6 years ago