Shailesh Matiyani

मटियानी का सूबेदार नैनसिंह और उसकी सूबेदारनीमटियानी का सूबेदार नैनसिंह और उसकी सूबेदारनी

मटियानी का सूबेदार नैनसिंह और उसकी सूबेदारनी

मेरे लिये बड़ी कहानी या कविता वही है जिसे पढ़कर कुछ समय के लिये बस चुप रहने का मन करे.…

5 years ago
आज शैलेश मटियानी जी को गए उन्नीस साल बीत गएआज शैलेश मटियानी जी को गए उन्नीस साल बीत गए

आज शैलेश मटियानी जी को गए उन्नीस साल बीत गए

उनके पास बहुत सारी भाषाएँ थीं जिन्हें वे जीवन भर तराशते रहे. उनके यहाँ असंख्य ठेठ गंवई पात्र हैं तो…

5 years ago
पहले हल्द्वानी के खेतों, बगीचों में जंगली जानवर घूमा करते थे, अब अलग-अलग नस्ल के कुत्ते भौंका करते हैंपहले हल्द्वानी के खेतों, बगीचों में जंगली जानवर घूमा करते थे, अब अलग-अलग नस्ल के कुत्ते भौंका करते हैं

पहले हल्द्वानी के खेतों, बगीचों में जंगली जानवर घूमा करते थे, अब अलग-अलग नस्ल के कुत्ते भौंका करते हैं

आज स्थिति बिल्कुल अलग हो गई है पूरा हल्द्वानी और उसके आसपास के मीलों तक फैले गांव फतेहपुर, लामाचौड़, लालकुआं…

5 years ago
हल्द्वानी में सबसे पहला चर्च रोडवेज बस स्टेशन के पास थाहल्द्वानी में सबसे पहला चर्च रोडवेज बस स्टेशन के पास था

हल्द्वानी में सबसे पहला चर्च रोडवेज बस स्टेशन के पास था

बरेली के मिशनरी प्रचारक विलियम बटलर ने पहाड़ में मिशनरी का खूब प्रचार किया था. फतेहपुर के पास ईसाई नगर…

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अपने अंतिम दिनों में शैलेश मटियानीअपने अंतिम दिनों में शैलेश मटियानी

अपने अंतिम दिनों में शैलेश मटियानी

लेखककीय अस्मिता और स्वाभिमान के मूल्य पर कभी समझौता ना करने वाले शैलेश मटियानी पहले अल्मोड़ा में दिखाई देते थे.…

5 years ago
मां की सिखाई ज़बान भूल जाने वाला बेटा मर जाता हैमां की सिखाई ज़बान भूल जाने वाला बेटा मर जाता है

मां की सिखाई ज़बान भूल जाने वाला बेटा मर जाता है

खुद को अभिव्यक्त करने का सलीका मैंने अपने दौर के वरिष्ठ और चर्चित लेखक शैलेश मटियानी से सीखा. और यह…

5 years ago
शैलेश मटियानी की एक अमर कहानीशैलेश मटियानी की एक अमर कहानी

शैलेश मटियानी की एक अमर कहानी

पापमुक्ति - -शैलेश मटियानी Paap Mukti Story Shailesh Matiyani घी-संक्रांति के त्यौहार में अब सिर्फ दो ही दिन शेष रह…

5 years ago
बम्बइया पिक्चर की कहानी, दिल्ली की थकान और कुमाऊं का लोकगीत: देवेन मेवाड़ी की स्मृति में शैलेश मटियानीबम्बइया पिक्चर की कहानी, दिल्ली की थकान और कुमाऊं का लोकगीत: देवेन मेवाड़ी की स्मृति में शैलेश मटियानी

बम्बइया पिक्चर की कहानी, दिल्ली की थकान और कुमाऊं का लोकगीत: देवेन मेवाड़ी की स्मृति में शैलेश मटियानी

सन् साठ के दशक के अंतिम वर्ष थे. एम.एस.सी. करते ही दिल्ली के भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में नौकरी लग…

5 years ago
“प्रेमचंद और रेणु से बड़ी प्रतिभा थे शैलेश मटियानी” – राजेन्द्र यादव“प्रेमचंद और रेणु से बड़ी प्रतिभा थे शैलेश मटियानी” – राजेन्द्र यादव

“प्रेमचंद और रेणु से बड़ी प्रतिभा थे शैलेश मटियानी” – राजेन्द्र यादव

हम सब जानते हैं कि उनकी शिक्षा नहीं हुई थी. मैट्रिक का इम्तहान वे नहीं दे पाए थे. पहाड़ की…

5 years ago
शैलेश मटियानी एक ही थाशैलेश मटियानी एक ही था

शैलेश मटियानी एक ही था

छुरी की धार तेज करता हुआ एक किशोर ग्राहक का इन्तजार कर रहा है. अभी अभी काटा गया बकरा लोहे…

5 years ago