Naveen Joshi

कथाकार शेखर जोशी ने आज 91वें वर्ष में प्रवेश किया है

बात ‘गलता लोहा’ से शुरू करते हैं, जो शेखर जोशी जी की अपेक्षाकृत कम चर्चित कहानी है. पहाड़ के एक…

2 years ago

जीवन और जंगल से बेदखल जंगल के राजा

शोभाराम शर्मा जी का नाम मैंने प्रयाग जोशी जी से सुना था. प्रयाग जी ने 1972-73 में पिथौरागढ़ जिले के…

3 years ago

गांव पर लटका ताला

‘प्रधानी का चुनाव लड़ा जाए?’ एक सुबह बिल्कुल अचानक पुष्कर ने पूछा. ‘बहुत अच्छा रहेगा,’ कविता खुश हुई. ‘सही में?’…

3 years ago

उनचास फसकों की किताब ‘बब्बन कार्बोनेट’

बब्बन कार्बोनेट: द हो, अशोक पाण्डे की क्वीड़ पथाई के क्या कहते हो! पहाड़ की मौखिक कथा परम्परा में ‘क्वीड़’…

3 years ago

पहाड़ ने भी खूब संवारा लखनऊ का चेहरा

किसी भी नगर की सबसे पहली पहचान उसकी नागरिक सुविधाओं से बनती है. लखनऊ अब एक बड़ा महानगर है. सन…

3 years ago

परदेस में रहने वाले पहाड़ी को पत्नी की प्यार भरी चिठ्ठी

परदेस को चिठ्ठी लिखने का भी कोई कायदा होता होगा. बाबू ने ही तो कहा था - "दुःख में जो-जो…

4 years ago

उत्तराखण्ड के महान संगीतज्ञ केशव अनुरागी

सल्लाम वाले कुमत्यारा वे गौड़ गाजिना, सल्लाम वाले कुमम्यारा मियां रतना गाज़ी, सल्लाम वाले कुमतेरी वो बीवी फातिमा, सल्लाम वाले…

4 years ago

आकाशवाणी के कार्यक्रम उत्तरायण को पहाड़ियों की सांस्कृतिक धड़कन बनाने वाले बंसीधर पाठक ‘जिज्ञासु’ : पुण्यतिथि विशेष

कोई 30-31 वर्ष तक आकाशवाणी के शॉर्ट वेव 61.48 यानी 4480 किलोहर्ट्ज पर रोज शाम सुदूर पर्वतीय अंचल (उत्तराखण्ड) के…

4 years ago

जिनके पिया परदेस बसत हैं : लखनऊ में कुमाऊनी होली की परम्परा

'उत्तराखण्ड होली के लोक रंग' शेखर तिवारी द्वारा संपादित एक महत्वपूर्ण पुस्तक है. चंद्रशेखर तिवारी काफल ट्री के नियमित सहयोगकर्ता…

6 years ago

चेहरों पर पहाड़ का दर्द उकेरता कलाकार

सन 1977 में जब मैंने ‘स्वतंत्र भारत’ से पत्रकारिता की शुरुआत की तो साहित्यिक-सांस्कृतिक रुचियों के कारण साहित्य, रंगमंच और…

6 years ago