Memoir

दाड़िम के फूल – इस कहानी की एक कहानी है

मेरी कहानी ‘दाड़िम के फूल’ की भी एक मजेदार कहानी है. आनंद तब आए जब इससे पहले मेरे दोस्त बटरोही की कहानी ‘बुरांश…

5 years ago

अल्मोड़े वाली आमां और उनका फिल्मी स्यापा

अल्मोड़े में होलिडे होम मुख्य सड़क मार्ग से थोड़ा उपर है. कैलाश मानसरोवर यात्रा के यात्रियों का पहला पड़ाव इसी…

5 years ago

हम सब की साझी विरासत है यह – गणेश मर्तोलिया की जोहार यात्रा

गणेश मर्तोलिया ने लोकसंगीत के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाई है. बेहद विनम्र स्वभाव के गणेश हर समय…

5 years ago

ओ ईजा! ओ मां! – पहाड़ की एक भीगी याद

बचपन से आज तक ईजा (मां) को कभी नहीं भूला. वह 1956 में विदा हो गई थी, जब मैं छठी…

6 years ago

हल्द्वानी के कर्नल ठुस्सू और उनकी दी हुई सीख

कर्नल ठुस्सू कर्नल ठुस्सू - इनके बारे में ज्यादा कुछ नहीं पता. सिवाय इनके हास्यास्पद नाम, पदनाम, पैनी नज़र और…

6 years ago

भीमताल और टूट चुके पत्थर का दर्द

शायद 69-70 के दशक की बात होगी, मैं तब भीमताल के एल. पी. इंटर कॉलेज में आठवीं या नवीं का…

6 years ago

उत्तराखंड को लेकर क्या थी कौशिक समिति के सबसे बड़ी सिफारिश

अपने बचपन के गाँव को ठीक-ठीक आज न स्मरण कर पाने का एक बड़ा कारण शहर आने के बाद उत्तराखंड…

6 years ago

मेरा और खड़कुवा का बचपन

खड़कुवा और मेरी मांओं ने हमें ऐसे ही मिट्टी लिपे फर्शों पर जन्म दिया था और हमें गाँव किनारे के…

6 years ago

मेरी अबू, तू कहां गई मुझे उदास छोड़ कर

गणेश जोशी हल्द्वानी निवासी गणेश जोशी एक समाचारपत्र में वरिष्ठ संवाददाता हैं. गणेश सोशल मीडिया पर अपनी 'सीधा सवाल' सीरीज…

6 years ago