Geeta Gairola

धौली और नन्दा की कथा

कार्तिग के महीने गांव के ऊपर नीचे की सारियां फसल काटने के बाद खाली हो जाती. आसमान बरसात के बाद…

6 years ago

रामी बलोद्याण की कथा

बरसाती झड़ी की एक सुबह से मैंने दादी से रट लगाई दूध का हलवा बना. वो बोली आज पिस्युं नी…

6 years ago

सोने के बालों वाली सूना और उसके बीरा की कथा

बर्फ पड़ने के बाद की सुरसुराहट अब कम होने लगी थी. डाँडी-काँठी में जमा ह्यूं सर्दीले घाम के मद्धिम ताप…

6 years ago

चालाक गीदड़ और शिबजी की कथा

जिन दिनों खेतों में हल लगाने का काम होता घर के सब बड़े लोग बच्चों की तरफ ध्यान ही नहीं…

6 years ago

मेहनती बहू और रात के अएड़ी की कथा

भरपूर चढ़क रूढ़ (गर्मी) पड़ रही थी. माटु, ढुंगी, पेड़, पत्ती, अल्मोड़ी, घिलमोड़ी, पौन-पंछी, कीट-पतंगारे, सांप-बाघ सब रूढ़ से बेहाल.…

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ह्यूंद का चोर और लागुली की काखड़ियाँ

इन दिनों भादो-असोज के चटक नीले आसमान से बिखरते घाम से हरे गलीचे सी बिखरी घास, पेड़ों की टहनियों से…

6 years ago

दो के बराबर एक चाँद की जुन्याली क्यों होती है पहाड़ों में

धुर गहराती कातिग के महीने चम्म चमकीले झीने उजास को बिखेरती जुन्याली रात का उजाला ऐसा कि दूर खड़ीक के…

6 years ago

सरग ददा पाणी दे

चौमासे की झुर-झुर ख़त्म होने के बाद का, भीगी खुनक लिए पहाड़ों का मौसम अपने परदेसियों को धाद (आवाज) देने…

6 years ago

चक्की, बुढ़िया और बच्चे की कहानी

सुदूर पहाड़ी गाँव में पठाली से छाये लाल मिट्टी और गोबर से लीपे गए एक घर के कोने मे लगाई…

6 years ago

फूलदेई से पहले खिलते हैं प्योंली के फूल

आसमान को छेदती, नुकीली ऊँची-ऊँची बर्फीली चोटियों की तलहटी में देवदार,भोज और रिंगाल के हरे-भरे सघन जंगलों के बीच एक…

6 years ago