Chhiplakot Article by Mrigesh Pande

छिपलाकोट अन्तर्यात्रा: बेचैन बहारों को गुलजार हम करें

पिछली कड़ी यहां पढ़ें: छिपलाकोट अन्तर्यात्रा: मुड़ मुड़ के न देख  "ऊपर गाड़ी में सामान किसका है, रस्सी से बंधा"? बिल्कुल…

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छिपलाकोट अन्तर्यात्रा: मुड़ मुड़ के न देख

पिछली कड़ी यहां पढ़ें: छिपलाकोट अंतरकथा : जिंदगानी के सफर में, हम भी तेरे हमसफ़र हैं "दस ग्यारह साल की…

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छिपलाकोट अंतरकथा : जिंदगानी के सफर में, हम भी तेरे हमसफ़र हैं

चीना रेंज में घने जंगल के बीच में रांची बिल्कुल सुनसान जगह में था जहां फारेस्ट क्वाटर थे. हमारा घर…

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छिपलाकोट अन्तर्यात्रा: उसके इशारे मुझको यहाँ ले आए

पिछली कड़ी यहां पढ़ें: छिपलाकोट अंतर्यात्रा : आया है मुझे फिर याद वो ज़ालिम छिपलाकोट तक पहुँचने के तीन मुख्य…

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छिपलाकोट अन्तर्यात्रा: आया है मुझे फिर याद वो ज़ालिम

पिछली कड़ी यहां पढ़ें: छिपलाकोट अंतर्यात्रा : यूँ शाख पे उगतीं हैं कोमल कोंपलें सुबह जब भी आँखें खुलती खिड़की…

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छिपलाकोट अंतर्यात्रा : यूँ शाख पे उगतीं हैं कोमल कोंपलें

पिथौरागढ़ घूमते हुए चंडाक से मोष्टा मानू और आगे छेड़ा गाँव की ओर निकल जाइये. पंचचूली की नयनाभिराम पर्वत श्रृंखला…

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