Amit Srivastava

ओएशडी सैप कह लो चाहे निजी शचिव कह लो – नीश हर जगह होने वाले हुए उत्राखंड में

उसने अपनी फुलौड़ी नाक को ज़रा सा टेढ़ीयाया और बोला- 'वरफ़ारी हो रई वरफ़ारी' (Personal Secretaries of Modern Politicians Satire)…

5 years ago

मातृभाषा राजभाषा सम्पर्क भाषा राष्ट्रभाषा… कौन सी भाषा?

इस भुस्कैट हो चले विवाद से बेहतर है हम भाषा के मुद्दे को एक अलहदा तरीके से समझने की कोशिश…

5 years ago

कल्पनीय सच का विधान : चंदन पांडेय के उपन्यास ‘वैधानिक गल्प’ के बहाने ‘आज’ से जिरह

सबकुछ सायास है वैधानिक गल्प में. उसके इस तरह से होने पर बहस होनी चाहिए क्योंकि जान बूझकर किसी घटना,…

5 years ago

अमित श्रीवास्तव को सराहनीय सेवा के लिये सम्मानित करेगी उत्तराखंड सरकार

काफल ट्री के पाठक अमित श्रीवास्तव के नाम परिचित हैं. पुलिस विभाग में काम करने वाले अमित की छवि काफल…

5 years ago

बार बार तारीख को बदला है छात्रों ने

फरवरी का पहला दिन था. साल उन्नीस सौ साठ. सत्रह से उन्नीस बरस के चार लड़के अमरीका के उत्तरी कैरोलिना…

5 years ago

इट इज़ नॉट ब्लाइंडनेस इट्स अ ब्लाइंडफ़ोल्ड

रिटायर होने के तीन माह पूर्व उनसे एक अनौपचारिक बातचीत थी. - अब तक कितने?  - एक भी नहीं  -…

5 years ago

अपनी निगाह पर भी निगाह रखिये

आईपीसी में अपना बचाव करने का अधिकार है, न कर पाने का 'अपराध' नहीं है. कोई धारा नहीं जिसमें सेल्फ…

5 years ago

संविधान दिवस पर एक सरकारी सेवक कम लेखक का आत्मालाप

लिखना अपने होने को तस्दीक करना है Constitution Day Special Amit Srivastava हम क्यों लिखते हैं इससे पहले ये जानना…

5 years ago

सरलता जो सहजता में तरमीम होती है

संतोष कुमार तिवारी के काव्य संकलन ‘अपने-अपने दंडकारण्य’ पर एक संक्षिप्त टिप्पणी (Review of Santosh Kumar Tiwari Book Amit Srivastava)…

5 years ago

गैरसैण एक शब्द है राजकोष का

गैरसैण एक शब्द है पानी की बची हुई बूंद को छाल की शिराओं में सँजोकर हरा होना सीखा था इसने…

5 years ago