विनोद उप्रेती

अन्वालों के डेरे और ब्रह्मकमल का बगीचाअन्वालों के डेरे और ब्रह्मकमल का बगीचा

अन्वालों के डेरे और ब्रह्मकमल का बगीचा

अंग्रेज भले हमें सालों गुलाम बना कर गए हों उनके प्रति हमारा आकर्षण कभी कम नहीं हुआ. जैसे ही हमें…

5 years ago
सिनला की चढ़ाई और सात थाली भातसिनला की चढ़ाई और सात थाली भात

सिनला की चढ़ाई और सात थाली भात

पंद्रह अगस्त का दिन, बचपन से ही हमारे लिए उल्लास और उत्साह का दिन. लेकिन इस बार की पंद्रह अगस्त…

5 years ago
कौसानी से देवगुरु का दिलचस्प सफ़रकौसानी से देवगुरु का दिलचस्प सफ़र

कौसानी से देवगुरु का दिलचस्प सफ़र

सुबह- सुबह जब हम कौसानी से निकले तो कोई अनुमान न था कि आज का दिन कितना लम्बा होगा. कल…

5 years ago
आखिरी गाँव में जबरदस्त जीवट की अकेली अम्माआखिरी गाँव में जबरदस्त जीवट की अकेली अम्मा

आखिरी गाँव में जबरदस्त जीवट की अकेली अम्मा

धरती गोल है और गोले में कोई बिंदु आखिरी नहीं होता. अक्सर आखिरी पहला हो जाता है. हिमालय की घाटियों…

5 years ago
घट के पाट और चोखी बसंतमूली की सब्जीघट के पाट और चोखी बसंतमूली की सब्जी

घट के पाट और चोखी बसंतमूली की सब्जी

ह्यून में अच्छा झड़ पड़े और बसंत में डाल न बरसे तो हमारे गाँव में इतना गेहूं तो हो जाता…

5 years ago
दारमा घाटी के गो गाँव में खलनायकदारमा घाटी के गो गाँव में खलनायक

दारमा घाटी के गो गाँव में खलनायक

आठ दिन हो गए बारिश को. बीच में आधे दिन के लिए रुकी थी पर तीन दिन से तो एक…

5 years ago
समधी के ओड्यार में तीन रातेंसमधी के ओड्यार में तीन रातें

समधी के ओड्यार में तीन रातें

हमें घर से निकले पांच-छह दिन तो हो ही गए होंगे और पिछले चार दिन से बारिश रुकने का नाम…

5 years ago
जसुली शौक्याणी की धर्मशाला में एक रात इंटरनेशनल दमची के साथजसुली शौक्याणी की धर्मशाला में एक रात इंटरनेशनल दमची के साथ

जसुली शौक्याणी की धर्मशाला में एक रात इंटरनेशनल दमची के साथ

पहली मिलम यात्रा के शुरूआती दो दिनों में मुझे और कमल दा को एक चीज का पक्का पता चल गया…

5 years ago
जिन्होंने अपनी रांच पर पहाड़ को बुना…जिन्होंने अपनी रांच पर पहाड़ को बुना…

जिन्होंने अपनी रांच पर पहाड़ को बुना…

जब बर्फ पिघल कर नदियों को जवान कर रही थी और बुरांश पहाड़ को रक्तिम, तब रेशम की लकीरों पर…

5 years ago
वह जो पहाड़ पर नमक लाते रहेवह जो पहाड़ पर नमक लाते रहे

वह जो पहाड़ पर नमक लाते रहे

मैंने अपने पुरखों के जितने भी किस्से सुने उनमें टनकपुर से पैदल नमक लाने के किस्से सबसे रोमांचक किस्सों में…

5 years ago