लोककथा

लोककथा : धौन पानी का भूतलोककथा : धौन पानी का भूत

लोककथा : धौन पानी का भूत

धौन पानी क्षेत्र के एक गांव में तीन लोग रहते थे — सास, ससुर और बहू. सास और ससुर बहु…

3 years ago

लोककथा : ह्यूंद की खातिर

पुरानी बात है जब दो वक्त की रोटी जुटाना ही बड़ी बात थी. उन्नत बीज और सही जानकारी न होने…

4 years ago

लोककथा : दुबली का भूत

सम्पूर्ण हिमालयी क्षेत्रों में स्थायी निवास के साथ-साथ प्रायः एक अस्थाई निवास बनाने का चलन है, जिसे छानी या खेड़ा…

4 years ago
काली कुमाऊं के जिमदार देवता अर्थात भूमिया की कथाकाली कुमाऊं के जिमदार देवता अर्थात भूमिया की कथा

काली कुमाऊं के जिमदार देवता अर्थात भूमिया की कथा

भूमि के देवता के रूप में जिमदार, भूमियाँ व क्षेत्रपाल, इन तीन नामों से पूजा जाता है. भूमिया जो भूमि…

6 years ago
जब नन्दा देवी ने बागनाथ देव को मछली पकड़ने वाले जाल में पानी लाने को कहाजब नन्दा देवी ने बागनाथ देव को मछली पकड़ने वाले जाल में पानी लाने को कहा

जब नन्दा देवी ने बागनाथ देव को मछली पकड़ने वाले जाल में पानी लाने को कहा

मां नंदादेवी जितना अपनी करुणा और ममता के लिये जानी जाती हैं उतना ही अपने क्रोध के लिये भी विख्यात…

6 years ago
शेर और गधे की उत्तर आधुनिक लोककथाशेर और गधे की उत्तर आधुनिक लोककथा

शेर और गधे की उत्तर आधुनिक लोककथा

एक शेर था, जिसका नाम था -गधा. कभी-कभी उसे 'ऐ गधे!' करके भी पुकारा जाता था. एक बार वो जंगल…

6 years ago
लौंडे-लबारों की बरात में सयाने बूढ़े की होशियारीलौंडे-लबारों की बरात में सयाने बूढ़े की होशियारी

लौंडे-लबारों की बरात में सयाने बूढ़े की होशियारी

छी भै ये बूढ़े लोग भी न, बहुत तंग कर देते हैं. जब कुछ काम नहीं कर सकते तो आराम…

6 years ago
सरयू आज भी सिसकती है – कुसुमा की त्रासद लोककथासरयू आज भी सिसकती है – कुसुमा की त्रासद लोककथा

सरयू आज भी सिसकती है – कुसुमा की त्रासद लोककथा

सुसाट मन को कपोरता है. लग जाता है एक उदेख जिसके अंदर कुहरा जाती है बाली कुसुमा की ओसिल कहानी.…

7 years ago