चन्द्रशेखर तिवारी

कुमाऊं की रामलीला का विस्तृत इतिहास

सांस्कृतिक परम्परा की दृष्टि से उत्तराखण्ड एक समृद्ध राज्य है. समय-समय पर यहां के कई इलाकों में अनेक पर्व और…

3 years ago

आखिर क्यों भूल गये हम ‘कालू महर’ को

भारतीय स्वाधीनता आंदोलन में उत्तराखण्ड के काली कुमाऊं यानि वर्तमान चम्पावत जनपद का अप्रतिम योगदान रहा है. स्थानीय जन इतिहास…

3 years ago

कुमाऊं का स्वतंत्रता संग्राम

उत्तराखंड में स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन की प्रारंभिक शुरुआत 1857 के दौर में एक तरह से काली कुमाऊं (वर्तमान चम्पावत जनपद…

3 years ago

ज्ञान पंत की रचनाओं में बसता है समूचा पहाड़

हाल ही के वर्षो में ’बाटुइ’ शीर्षक से प्रकाशित कविता संग्रह कुमाउनी साहित्य में रुचि रखने वालों लोगों के लिए…

3 years ago

लोक गायिकाओं का समृद्ध इतिहास रहा है पहाड़ में

पहाड़ के लोक में महिला लोक गायिकाएं पहले भी रही हैं जिनमे कुछ ने संचार माध्यमों से प्रसिद्धि पाई तो…

3 years ago

बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता था उत्तराखंड में गंगा दशहरा का त्यौहार

भारतीय संस्कृति में नदियों को सर्वोच्च सत्ता के रुप में आसीन करने और उसे देवत्व स्वरुप प्रदान करने की अलौकिक…

4 years ago

शिखरों में आज भी गूंजते हैं नईमा खान उप्रेेती के गीत

सत्तर के दशक में लखनऊ के आकाशवाणी केन्द्र से पर्वतीय इलाके के लोगों लिए एक कार्यक्रम प्रसारित होता था उत्तरायण.…

4 years ago

गेहूँ की नई नस्ल पैदा कर देने वाले उत्तराखण्ड के किसान योद्धा नरेन्द्र सिंह मेहरा से मिलिए

कुमाऊं अंचल के प्रवेश द्वार हल्द्वानी शहर से सटा हुआ गौलापार क्षेत्र खेती, बागवानी और पशुपालन की दृष्टि से बहुत…

4 years ago

फूलदेई छम्मा देई दैण द्वार भरी भकार

मनुष्य का जीवन प्रकृति के साथ अत्यंत निकटता से जुड़ा है. पहाड़ के उच्च शिखर, पेड़-पौंधे, फूल-पत्तियां, नदी-नाले और जंगल…

4 years ago

डाण्डी कांठी में बसन्त बौराने लगा है

भारतीय संस्कृति में नदी, पहाड़, पेड़-पौंधे पशु-पक्षी, लता व फल-फूलों के साथ मानव का साहचर्य और उनके प्रति संवेदनशीलता का…

4 years ago