जौनसार बावर

जौनसार: जहां देवता आज भी चलते फिरते हैं

शिवालिक की सुरम्य पहाड़ियों में प्रकृति ने अनूठे रंग भरे हैं. यहाँ का जन जीवन भी विविधता से भरा है…

4 years ago

लाखामंडल का महाभारतकालीन शिव मंदिर

उत्तराखण्ड के देहरादून जिले के लाखामंडल गाँव के पास ऐतिहासिक, पौराणिक और धार्मिक महत्त्व की धरोहरें हैं. ये धरोहरें उपेक्षित…

5 years ago

लाखामंडल का भवानी पर्वत जहाँ पार्वती ने तपस्या की थी

लाखामंडल उत्तराखण्ड के गढ़वाल मंडल के देहरादून जिले की ग्राम सभा है. यह क्षेत्र जौनसार बावर के रूप में भी…

5 years ago

फुलदेई की फुल्यारी बसंत के रंग

फुलदेई, फुल्यारी के रंग फुलदेई का त्यौहार (Phool Dei Festival) उत्तराखण्ड में विभिन्न रूपों में मनाया जाता है. जितने रंग…

6 years ago

चार भाइयों ने बेरोजगारी को मात दे बनाया पहाड़ी बैंड

जौनसार बावर का एक छोटा सा गांव है टिपोउ, लगभग 20 परिवार यहां रहते होंगे. इनमें एक परिवार दलीप वर्मा…

6 years ago

जौनसार बावर में स्त्री

दिल्ली में रहते हुए सुदूर पहाड़ के गाँव के रिश्तेदारों को निभाना एक दुरुह काम है. सगे संबंधी हमेशा इस…

6 years ago

जौनसार बावर के लोक गायक और उनके गीतों की सांस्कृतिक प्रतिबद्धता

इंटरनेट और सोशल मीडिया के अस्तित्व में आने के बाद से जौनसार बावर में गीत गाने वालों की बाढ़ सी…

6 years ago

आदिम संस्कृति और समाज के लिए संघर्ष करता जौनसार बावर का त्यौहार – बूढ़ी दिवाली

पूरे देश मे दिवाली कार्तिक माह की अमावस्या के दिन मनाई जाती है लेकिन उत्तराख़ण्ड के जिला देहरादून के जनजातीय…

6 years ago

जौनसार बावर: जहाँ सामूहिकता और सामुदायिकता जिन्दा है

जौनसार-बावरः अतीत से भविष्य तक –सुभाष तराण सुदूर उत्तर भारत के पहाडी प्रदेश उत्तराखंड में यमुना अपने उद्गम से लगभग…

6 years ago