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जादुई बकरी की कहानी

बहुत समय पहले की बात है. एक राज्य में एक राजा और उसकी रानी रहते थे. उनकी एक ही बेटी थी — माया त्सारेना. लेकिन कुछ ही समय बाद रानी की मृत्यु हो गई. राजा ने दूसरी शादी की, पर नई रानी तो असल में एक जादूगरनी थी. उसके तीन बेटियाँ थीं — एक की सिर्फ एक आँख थी, दूसरी की दो, और तीसरी की तीन.
(Story of Magical Goat)

नई रानी अपनी सौतेली बेटी माया से बेहद जलती थी. उसने माया को एक बकरी के साथ जंगल में चराने भेज दिया और खाने को सिर्फ एक सूखी रोटी दी.

माया जंगल पहुँची और जैसे ही उसने उस बकरी के दाएँ पैर को प्रणाम किया — वह पल भर में सुंदर कपड़ों में सजी हुई राजकुमारी बन गई! उसे स्वादिष्ट भोजन और पेय भी मिल गए. दिन भर वह उसी बकरी के संग रहती और खुश दिखाई देती. शाम को वह फिर उसी पैर को प्रणाम करती और अपने पुराने कपड़ों में घर लौट आती. घर जाकर वह वही सूखी रोटी अपनी सौतेली माँ को दिखा देती.

यह देखकर जादूगरनी हैरान हुई — “यह लड़की जीती कैसे है?” उसने सोचा और अगले दिन अपनी एक-आँख वाली बेटी को माया पर निगरानी के लिए भेजा.
(Story of Magical Goat)

जब दोनों जंगल पहुँचीं, माया ने कहा — “आओ बहन, मैं तुम्हारे सिर के नीचे तकिया रख देती हूँ.”

और फिर वह धीरे से बोली — “सो जा बहना, सो जा प्यारी, एक आँख बंद हो जाए तुम्हारी.”

एक-आँख वाली बहन सो गई. माया ने बकरी को प्रणाम किया, स्वादिष्ट भोजन किया और पूरे दिन रानी जैसी सजी रही. शाम को उसने बहन को जगाया और घर लौटी.

जब जादूगरनी ने पूछा, “माया ने क्या खाया?”

तो बहन बोली, “मैं तो पूरे दिन सोई रही.”

जादूगरनी क्रोधित हो गई. अगले दिन उसने दो-आँख वाली बेटी को भेजा.

माया ने उसे भी सुलाते हुए कहा — “सो जा बहना, सो जा प्यारी, दो आँखें बंद हो जाएं तुम्हारी.”

वह भी सो गई, और वही कहानी दोहराई गई.

तीसरे दिन जादूगरनी ने तीन-आँख वाली बेटी को भेजा.

माया ने वही जादू दोहराया, पर गलती से तीसरी आँख को भूल गई. वह आँख खुली रही और उसने सब देख लिया — बकरी, जादू, और माया का रूपांतरण.
(Story of Magical Goat)

शाम को उसने माँ को सब बता दिया.

गुस्से से जलती हुई जादूगरनी ने राजा से कहा — “उस बकरी को मार डालो!”

राजा ने कहा, “क्या पागलपन है! वह बकरी तो इतनी सुंदर और जवान है.”

पर जादूगरनी ने ज़िद पकड़ी, और बकरी मार दी गई.

माया ने पिता से विनती की, “पिता, कृपया मुझे उस बकरी की पूंछ दे दीजिए.”

राजा ने दे दिया. माया ने पूंछ को ज़मीन में दबा दिया.

कुछ ही दिनों में वहाँ एक सुंदर झाड़ी उग आई — जिस पर मीठे बेर लगे थे और शाखों पर सुनहरी चिड़ियाँ मधुर गीत गाती थीं.

इसी बीच, पड़ोसी राज्य के राजकुमार इवान ने माया की सुंदरता और भलमनसाहत की चर्चा सुनी. वह उस घर पहुँचा और कहा, “जो कन्या मेरे लिए इस झाड़ी से बेरों का कटोरा भर लाएगी, वही मेरी रानी बनेगी.”
(Story of Magical Goat)

पहले एक-आँख, फिर दो-आँख और फिर तीन-आँख वाली बहनें बेर लेने गईं — पर चिड़ियाँ उन पर झपट पड़ीं और उन्हें भगा दिया.

अंत में माया खुद गई. चिड़ियों ने उसकी मदद की और झटपट कटोरा भर दिया. राजकुमार इवान ने माया से विवाह किया. उनका विवाह बहुत धूमधाम से हुआ, और दोनों सुखी जीवन बिताने लगे.

कुछ समय बाद माया ने एक पुत्र को जन्म दिया. वह अपने पिता से मिलने अपने पति और बच्चे के साथ आई. पर चालाक सौतेली माँ ने जादू से माया को हंस बना दिया और अपनी बड़ी बेटी को उसकी जगह रानी बना भेजा.

राजकुमार को धोखा हो गया, वह वापस लौट आया.

अब महल का बूढ़ा सेवक रोज़ सुबह बच्चे को लेकर खेत में जाता और झाड़ी के पास बैठता. तभी आकाश में उड़ती धूसर हंसें दिखाई देतीं.

वह पुकारता — “ओ धूसर हंसो, बच्चे की माँ कहाँ है?”

अगले झुंड से आवाज़ आती — “वो अगले झुंड में है!”

और जब तीसरा झुंड आया — माया खुद उड़ती हुई उतरी, अपने पंख उतारे और बच्चे को दूध पिलाने लगी. आँसू बहाते हुए बोली — “आज तो आई हूँ, कल भी आऊँगी, पर तीसरे दिन उड़ जाऊँगी — पहाड़ों और जंगलों के पार.”
(Story of Magical Goat)

अगले दिन वही हुआ, पर इस बार राजकुमार छिपकर झाड़ी के पीछे खड़ा था. जैसे ही माया उतरी और बच्चे को गले लगाया, इवान ने उसके पंख जला दिए.

माया तुरंत रूप बदलने लगी — पहले मेंढक बनी, फिर छिपकली, फिर कीड़ा, और अंत में एक चरखा. राजकुमार ने चरखे को दो टुकड़ों में तोड़ा — एक टुकड़ा आगे फेंका और एक पीछे.

तुरंत माया अपने असली रूप में लौट आई.

जब दोनों घर पहुँचे, तो जादूगरनी की बेटी चिल्लाई — “देखो! वो चुड़ैल और उसका विनाशक लौट आए!”

राजकुमार ने राज्य के सभी सरदारों को बुलाया और पूछा, “मुझे किस पत्नी के साथ रहना चाहिए?”

सब बोले, “पहली वाली के साथ.”

राजकुमार ने कहा, “तो जो सबसे पहले दरवाज़े तक पहुँचेगी, वही मेरी पत्नी होगी.”

जादूगरनी की बेटी दौड़ी, पर माया ने उसका हाथ थाम लिया. राजकुमार ने बंदूक उठाई और झूठी रानी को मार गिराया. फिर वह और माया अपने बच्चे के साथ सदा-सदा के लिए सुख से रहने लगे.
(Story of Magical Goat)

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