Featured

आज रॉबर्ट डी नीरो का जन्मदिन है

विश्व सिनेमा के महानतम अभिनेताओं में से एक रॉबर्ट डी नीरो का जन्म आज ही के दिन यानी 17 अगस्त 1943 को न्यूयॉर्क शहर के मैनहटन में हुआ था. उनके माता-पिता वर्जीनिया एडमिरल और रॉबर्ट डी नीरो सीनियर, दोनों कलाकार थे. उनके दादा दादा इतालवी मूल के थे जबकि नाना के परिवार की जड़ें इंग्लैण्ड, हॉलैंड, जर्मनी और आयरलैंड में फैली हुई थीं. (Robert De Niro Birthday)

रॉबर्ट डी नीरो की ट्रेनिंग स्टेला एडलर कन्जर्वेटरी और अमेरिकन वर्कशॉप में हुई थी. उन्हें सबसे पहले उनकी फिल्म ‘बैंग द ड्रम स्लोली’ (1973) में निभाये गए किरदार से ख्याति मिलना शुरू हुई. लेकिन एक बेहतरीन अभिनेता के रूप में उनकी पहचान मार्टिन स्कोर्सेसी के साथ उनकी पहली फिल्म ‘मीन स्ट्रीट्स’ (1973) से बनी. (Robert De Niro Birthday)

‘द गॉडफादर –भाग 2’ (1974) में उन्हें अभिनय के लिए सर्वश्रेष्ठ सह-अभिनेता का एकेडमी पुरस्कार मिला. ‘टैक्सी ड्राईवर’ (1976), ‘द डीयर हंटर’ (1978) और ‘केप फीयर’ (1991) के लिए उन्हें एकेडमी पुरस्कार के लिए नामित किया गया अलबत्ता 1980 की फिल्म ‘रेजिंग बुल’ (1980) में जेक लामोटा का किरदार अदा करने के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का ऑस्कर मिला था.

सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के गोल्डन ग्लोब अवार्ड नामांकन उन्हें चार दफा हासिल हुए – ‘न्यू यॉर्क, न्यू यॉर्क’ (1977), ‘मिडनाईट रन’ (1988), ‘एनालाइज दिस’ (1999) और ‘मीट द पेरेंट्स’ (2000).

उनकी सबसे यादगार फिल्मों में इनके अलावा ‘ब्राजील’ (1985), ‘द अनटचेबल्स’ (1987), ‘हीट’ (1995) ’कसीनो’ (1995) और ‘जैकी ब्राउन’ (1997) शामिल हैं.

अभिनय के अलावा रॉबर्ट डी नीरो ने ‘ब्रोंक्स टेल’ (1993) और ‘द गुड शेफर्ड’ (2006) जैसी फिल्मों का निर्देशन भी किया.

अपने काम के लिए रॉबर्ट डी नीरो को 2003 में एएफआई लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड और 2010 में गोल्डन ग्लोब सीसिल बी डीमिल अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है.

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

Recent Posts

अंग्रेजों के जमाने में नैनीताल की गर्मियाँ और हल्द्वानी की सर्दियाँ

(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में आज से कोई 120…

2 days ago

पिथौरागढ़ के कर्नल रजनीश जोशी ने हिमालयन पर्वतारोहण संस्थान, दार्जिलिंग के प्राचार्य का कार्यभार संभाला

उत्तराखंड के सीमान्त जिले पिथौरागढ़ के छोटे से गाँव बुंगाछीना के कर्नल रजनीश जोशी ने…

2 days ago

1886 की गर्मियों में बरेली से नैनीताल की यात्रा: खेतों से स्वर्ग तक

(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में…

3 days ago

बहुत कठिन है डगर पनघट की

पिछली कड़ी : साधो ! देखो ये जग बौराना इस बीच मेरे भी ट्रांसफर होते…

4 days ago

गढ़वाल-कुमाऊं के रिश्तों में मिठास घोलती उत्तराखंडी फिल्म ‘गढ़-कुमौं’

आपने उत्तराखण्ड में बनी कितनी फिल्में देखी हैं या आप कुमाऊँ-गढ़वाल की कितनी फिल्मों के…

4 days ago

गढ़वाल और प्रथम विश्वयुद्ध: संवेदना से भरपूर शौर्यगाथा

“भोर के उजाले में मैंने देखा कि हमारी खाइयां कितनी जर्जर स्थिति में हैं. पिछली…

1 week ago