पिछले कुछ सालों से लक्ष्मण झूला मतलब ऋषिकेश और ऋषिकेश मतलब लक्ष्मण झूला हो चुका था. गंगा नदी पर बना यह पुल टिहरी जिले में तपोवन गांव को नदी के पश्चिमी तट पर स्थित पौड़ी जिले के जोंक से जोड़ता है. लक्ष्मण झूला 11 अप्रैल 1930 को यह पुल आम लोगों के लिए पहली बार खोला गया था.
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ऋषिकेश आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए लक्ष्मण झूला आकर्षण का एक मुख्य केंद्र रहा है. मगर अब ऋषिकेश जाने वालों के लिये एक दुख़द ख़बर है अब लक्ष्मण झूला के लिये ऋषिकेश जाने वाले अब इसका लुत्फ़ नहीं उठा पायेंगे.
प्रशासन ने आम यात्रियों के लिये पुल पर आवाजाही को बंद कर दिया है. प्रशासन की ओर से यह कदम यात्रियों की सुरक्षा के लिये लिया गया है. अतिरिक्त मुख्य सचिव ओम प्रकाश के अनुसार यह पुल विशेषज्ञों की एक टीम के सुझाव के बाद बंद किया गया है. विशेषज्ञों ने पाया कि पुल के ज्यादातार हिस्से ‘बहुत कमजोर’ हो गए हैं, या ‘गिरने’ की स्थिति में हैं.
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उन्होंने बताया कि इस पुल पर हाल के समय में अप्रत्याशित तरीके से लोगों की आवाजाही बढ़ गई और यह अब एक तरफ झुका हुआ सा दिखने लगा है.
पौराणिक मान्यता अनुसार यहां लक्ष्मण ने जूट की रस्सियों के सहारे गंगा नदी को पार किया था. फिलहाल लक्ष्मण झूला अस्थायी तौर पर बंद किया गया है.
-काफल ट्री डेस्क
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