अशोक पाण्डे

एक तीतर को लेकर हुए घमासान में एक परिवार के उजड़ने की लोककथा

कल हमने आपको कुमाऊँ और पश्चिमी नेपाल की लोककथाओं पर आधारित ई. शर्मन ओकले और तारादत्त गैरोला की 1935 में छपी किताब ‘हिमालयन फोकलोर’ से एक कहानी पढ़वाई थी – बहादुर पहाड़ी बेटा और दुष्ट राक्षसी की कथा. Partridge and Chauhan Pundir Clans Folklore by Oakley and Gairola

अलग-अलग तरह की लोककथाएं

इस पुस्तक में इन लोक कथाओं को अलग अलग खण्डों में बांटा गया है. प्रारम्भिक खंड में ऐतिहासिक नायकों की कथाएँ हैं. दूसरा खंड उपदेश-कथाओं का है. तीसरे और चौथे खण्डों में क्रमशः पशुओं व पक्षियों की कहानियां हैं. अंतिम खण्डों में भूत-प्रेत कथाएँ हैं. Partridge and Chauhan Pundir Clans Folklore by Oakley and Gairola

आज पढ़िए इसके पहले खंड से एक और कथा. मूल अंग्रेजी से अनुवाद अशोक पाण्डे ने किया है.

चौहान और पुंडीर भाइयों की कथा

एक बार खैलापुर में राजपूत वंश के सात चौहान भाई रहते थे. धामदेव इनमें सबसे बड़ा था. उनकी वंशावली इस प्रकार थी: उर्मी नाग, कुर्मी नाग, राय मंगल, अफाती, मफाती, धामदेव और उसके छः भाई.

एक दिन धामदेव और उसके भाइयों ने बहुत सारे लोगों को इकठ्ठा किया. वे उन्हें लेकर गुप्ती पातल के जंगल में शिकार के लिए गए. दिन भर जंगल में तलाश करने के बाद उन्हें एक हिरन मिला. उन्होंने उसका पीछा किया लेकिन वह बच निकला. आखिरकार उन्हें एक तीतर मिला और उन्होंने उस पर गोली चलाई.

तीतर भाग कर नजदीक ही मायापुर हाट के इलाके में घुस गया. वहां पुंडीर वंश के लोग रहा करते थे. उनके नाम थे: जयतेग पुंडीर, असल तेग पुंडीर, अल्ती पुंडीर, बतली, कैतुरी, औराती और बुराती. जैसे ही तीतर मायापुर पहुंचा खून के प्यासे पुंडीरों ने उसे पकड़कर एक कमरे में बंद कर दिया. Partridge and Chauhan Pundir Clans Folklore by Oakley and Gairola

पीछा करते-करते चौहान भाई भी मायापुर हाट पहुंचे और उन्होंने पुंडीर भाइयों से अनुरोध किया कि तीतर उन्हें दे दें. लेकिन असल तेग पुंडीर ने कहा कि चूंकि चिड़िया उनके इलाके में घुस आई है इसलिए वह उसे अपनी जान की कीमत पर भी नहीं लौटाएगा. अधिपति चौहान ने प्रतिवाद किया और पुंडीर भाइयों से कहा कि एक तीतर के लिए अपने प्राण संकट में न डालें. लेकिन वे नहीं माने.

तीतर के कारण बढ़ा विवाद

तब अधिपति चौहान ने असल तेग के उस कमरे का दरवाजा तोड़ डाला जिस में तीतर छुपाया गया था. जैसे ही तीतर उड़ने को हुआ असल तेग ने उसे पकड़ा और तलवार से उसका सर काटकर उसे अपने कमरे के दरवाजे के ऊपर टांग दिया. अधिपति ने तीतर को झपटने की कोशिश की जिस पर पुंडीर भाइयों ने उन्हें लड़ने की चुनौती दी. दोनों के बीच लड़ाई शुरू हो गयी.

पुंडीर भाइयों ने एक एक कर सारे चौहान भाइयों को मार डाला. अधिपति चौहान के अपनी पत्नी चौरुरा से सात बेटे थे. इन बेटों के नाम थे: जीत सिंह, भूप सिंह, केदार सिंह, उत्तम सिंह, और भोपाल सिंह. अपने पति की मृत्यु की खबर सुनकर चौरुरा चौहानी ने अपने बेटों को पिता की हत्या का बदला लेने को उकसाया. पुंडीरों ने अपने दरवाजे के ऊपर तीतर के बदले अधिपति चौहान का सर टांग रखा था. जीत सिंह और उसके भाइयों ने शपथ ली कि वे दुश्मन से लड़ेंगे और अपने पिता का सिर वापस लेकर आएंगे. Partridge and Chauhan Pundir Clans Folklore by Oakley and Gairola

सातों भाई वहां गए और उन्होंने पुंडीरों को ललकारा. लम्बे संघर्ष के बाद पुंडीरों ने सातों चौहान भाइयों को मार गिराया. चौहानी ने पुंडीरों को एक शाप दिया जिसके बाद वह बेहोश हो गयी.

इस तरह केवल एक तीतर के कारण वीर चौहानों के एक पूरे वंश का नाश हो गया.

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें: Kafal Tree Online

यह भी पढ़ें: कुमाऊं का एक राजा जिसके खिलाफ रसोई दरोगा और राजचेली ने षडयंत्र रचा

Support Kafal Tree

.

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

View Comments

  • कई कथाओं को जोड़कर बनाई गई आपकी यह कहानी तीतर की बहुत ही रोचक है कहानी को पढ़ने से कई भूली बिसरी बातें हमारे सामने आई जानकारी कराई इसके लिए आपका बहुत-बहुत आभार..
    टिप्पणीकार खीम सिंह रावत हल्द्वानी से

Recent Posts

उत्तराखंड में सेवा क्षेत्र का विकास व रणनीतियाँ

उत्तराखंड की भौगोलिक, सांस्कृतिक व पर्यावरणीय विशेषताएं इसे पारम्परिक व आधुनिक दोनों प्रकार की सेवाओं…

5 hours ago

जब रुद्रचंद ने अकेले द्वन्द युद्ध जीतकर मुगलों को तराई से भगाया

अल्मोड़ा गजेटियर किताब के अनुसार, कुमाऊँ के एक नये राजा के शासनारंभ के समय सबसे…

4 days ago

कैसे बसी पाटलिपुत्र नगरी

हमारी वेबसाइट पर हम कथासरित्सागर की कहानियाँ साझा कर रहे हैं. इससे पहले आप "पुष्पदन्त…

4 days ago

पुष्पदंत बने वररुचि और सीखे वेद

आपने यह कहानी पढ़ी "पुष्पदन्त और माल्यवान को मिला श्राप". आज की कहानी में जानते…

4 days ago

चतुर कमला और उसके आलसी पति की कहानी

बहुत पुराने समय की बात है, एक पंजाबी गाँव में कमला नाम की एक स्त्री…

4 days ago

माँ! मैं बस लिख देना चाहती हूं- तुम्हारे नाम

आज दिसंबर की शुरुआत हो रही है और साल 2025 अपने आखिरी दिनों की तरफ…

4 days ago