अगर आप दिल्ली एनसीआर की गर्मी से पक चुके हैं तो मुक्तेश्वर आपके लिये एक बेहतरीन जगह हो सकती है. उत्तराखंड के नैनीताल जिले में पड़ने वाले मुक्तेश्वर में गर्मियों के दिनों भी अधिकतम तापमान 26 से 28 डिग्री सेल्सियस तक रहता है. मुक्तेश्वर एक ऐसा क़स्बा है जहां आप साल के बारह महिनों जा सकते हैं.
काठगोदाम रेलवे स्टेशन से लगभग 60 किमी की दूरी पर स्थित मुक्तेश्वर की सबसे ख़ास बात यह है कि यहां से आप हिमालय की लम्बी पर्वत श्रृंखला देख सकते हैं. समुद्र तल से इसकी उंचाई 2,312 मीटर है.
मुक्तेश्वर को यह नाम 350 साल पुराने शिव के मंदिर के कारण मिला. मुक्तेश्वर के संबंध में मान्यता है कि यहां पर शिव ने यहां पहाड़ की चोटी पर एक दानव को मारकर उसके मुक्ति दी थी. मुक्तेश्वर मंदिर से आप सामने हिमालय के दर्शन कर सकते हैं. मुक्तेश्वर मंदिर शिव के 18 महत्वपूर्ण मंदिरों में एक माना जाता है. मुक्तेश्वर मंदिर में शिव के अतिरिक्त ब्रह्मा और विष्णु की मूर्तियां भी हैं.
जिम कार्बेट एक बार मुक्तेश्वर में बाघ का शिकार करने आये थे मुक्तेश्वर के अद्भुद सौन्दर्य को देखकर वह आश्चर्य चकित रह गए थे. कुछ लोगों का मानना है कि मुक्तेश्वर कस्बा अंग्रेजों ने बसाया था. ब्रिटिश व्यक्ति लिंगार्ड ने सबसे पहले इसे अनुसंधान कार्य हेतु चुना था.
मुक्तेश्वर आप परिवार के साथ या दोस्तों के साथ या अकेले भी जा सकते हैं. यहां आप सुबह के समय नेचर वाक कर सकते हैं, रॉक क्लाइंबिंग और रैप्लिंग कर सकते हैं. चौली की जाली रॉक क्लांबिंग के लिये एक मशहूर क्लिफ है. मुक्तेश्वर में पैराग्लाइडिंग पर्यटकों के लिये एक अच्छा विकल्प है. मुक्तेश्वर के पास अंग्रेजों के समय का बना वैटरनिटी रिसर्च इंस्टीट्यूट देख सकते हैं. इंस्टीट्यूट के भीतर ही लाइब्रेरी और म्यूजियम भी है. पर्यटक उसे भी देख सकते हैं. मुक्तेश्वर धाम जा सकते हैं. आप अपने टेंट लगाकर रात में दोस्तों और परिवार के साथ रह सकते हैं.
बस से : आनन्द विहार स्टेशन दिल्ल्ली से उत्तराखंड रोडवेज की बस सीधा अल्मोड़ा, नैनीताल और हल्द्वानी कोई सी बस लें. हल्द्वानी बस अड्डे से मुक्तेश्वर के लिये बहुत सी बस मिल जाती हैं और टैक्सी भी बड़ी आसानी से मिल जाती है.
ट्रेन से : मुक्तेश्वर जाने के लिये अंतिम रेलवे स्टेशन काठगोदाम है. यहां से साझा टैक्सी से मुक्तेश्वर तक जाया जा सकता है. साझा टैक्सी के लिये काठगोदाम से बेहतर हल्द्वानी रेलवे स्टेशन है यहां से कम किराये पर आसानी से बस और टैक्सी मिल जाती हैं.
हवाई यात्रा : मुक्तेश्वर के लिये सबसे नजदीकी हवाई अड्डा पंतनगर है. यहां से टैक्सी आसानी से मुक्तेश्वर के लिये मिल जाती हैं.
मुक्तेश्वर में बजट होटल और लक्जरी होटल दोनों ही आपको मिल जाते हैं. खाने में भी आपको किसी भी प्रकार का खाना मिल जाता है. मुक्तेश्वर कस्बे से लगा एक छोटा बाजार भी है. जहां जरूरत की अधिकांश चीजें मिल जाती हैं. यहां से आप स्थानीय उत्पाद भी खरीद सकते हैं. सीजन के समय यहां सेव, आडू, खुमानी, पूलम खूब मिलते हैं.
मुक्तेश्वर की कुछ फोटो देखिये :
-काफल ट्री डेस्क
वाट्सएप में पोस्ट पाने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री
हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें: Kafal Tree Online
काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें
(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में आज से कोई 120…
उत्तराखंड के सीमान्त जिले पिथौरागढ़ के छोटे से गाँव बुंगाछीना के कर्नल रजनीश जोशी ने…
(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में…
पिछली कड़ी : साधो ! देखो ये जग बौराना इस बीच मेरे भी ट्रांसफर होते…
आपने उत्तराखण्ड में बनी कितनी फिल्में देखी हैं या आप कुमाऊँ-गढ़वाल की कितनी फिल्मों के…
“भोर के उजाले में मैंने देखा कि हमारी खाइयां कितनी जर्जर स्थिति में हैं. पिछली…