भारतीय लोकतंत्र में चुनाव जितने के बाद के पहले 6 महीने हनीमून पीरियड के नाम से जाने जाते हैं. भारतीय लोकतंत्र में यह मान लिया गया है कि चुनाव जीतने के बाद के पहले 6 महीने विधायक, सांसद की मौज काटने के महीने हैं. ऐसा क्यों है पता नहीं लेकिन पहले छः महीनों में किसी भी सरकार से किसी ख़ास काम की उम्मीद न के बराबर रहती है. जब सरकार से ही उम्मीद नहीं रखी जाती तो विधायक या सांसद से उम्मीद तो दूर की कौड़ी है.
(Laxman Singh Mahar Mock Test)
पिछले कुछ दशकों में भारतीय राजनीति पर हमेशा से साम्प्रदायिकतावाद और जातिवाद जैसे कड़े आरोप लगे हैं. अब भारतीय में राजनीति में धर्म और जाति मुख्य मुद्दे हैं जिनको को लेकर खुली स्तरहीन बहसें होने लगी हैं. शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे अब भारतीय राजनीति में गौण विषय हो चुके हैं. शिक्षा और स्वास्थ्य राजनीतिक पार्टियां के मेनिफेस्टो में अंतिम स्थान पर हैं. ऐसे समय में यदि कोई जीता हुआ प्रत्याशी यह घोषणा करे कि जीत की बधाइयों के समय गुलदस्तों के बजाय मुझे किताब भेंट करें तो आश्चर्य होना लाजमी है.
चुनाव जीतने के बाद विधायक का जिला पुस्तकालय में जाना और वहां युवाओं को सुनना किसी भी विधानसभा के लिये शुभ संकेत माने जाने चाहिये. पहाड़ के हज़ारों युवा आज प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिये महानगरों के दबड़ों में रहने को अभिशप्त हैं. ऐसे में अगर कोई विधायक सामने आकर राष्ट्रीय और राज्यस्तरीय मॉक परीक्षा के आयोजन का प्रस्ताव लेकर सामने आता है तो इसे उत्तराखंड की राजनीति के अच्छे दिनों की शुरुआत के रूप में देखा जाना चाहिये.
(Laxman Singh Mahar Mock Test)
स्वतंत्रता सैनानी स्व.लक्ष्मण सिंह महर के नाम से राष्ट्रीय और राज्यस्तरीय मॉक परीक्षा के आयोजन की यह पहल पिथौरागढ़ के विधायक मयूख महर ने की है. मयूख महर ने ही चुनाव जीतने के बाद अपने फेसबुक पेज के माध्यम से लोगों ने अपील करते हुये कहा था
कृपया मुझे फूलों, स्मृति चिन्हों के बदलें किताबें भेंट करें. मेरी कोशिश रहेगी कि किताबों के अभाव में कोई भी पिथौरागढ़ का युवा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने से ना चूके. गुलदस्ते,स्मृति चिन्ह महंगे होते है उनके बदले आप मुझे प्रतियोगी किताबें, साहित्य से जुड़ी किताबें भेंट करें ताकि मैं उन हजारों किताबों को जिला पुस्तकालय में भेंट कर युवाओं को पढ़ने के लिए प्रेरित कर सकूँ क्योंकि पढ़ने से ज्यादा आनंद किसी और काम मे नहीं आता और ज्ञान से बड़ी कोई ताकत नहीं है. मुझे बुरा लगेगा अगर आपके फूलों को ठीक से संभालकर न रख पाऊं पर आपके द्वारा भेंट की गई किताबें जिला पुस्तकालय में बच्चों का भविष्य बनाने में मील का पत्थर साबित जरूर होंगी.
मयूख महर पिथौरागढ़ विधानसभा से चुनाव जीते. चुनाव जीतने के बाद से वह लगातार पिथौरागढ़ नगर के युवाओं से मिल रहे हैं. युवाओं से की गयी मुलाकातों के बाद ही उन्होंने प्रत्येक दो माह में राष्ट्रीय और राज्यस्तरीय मॉक परीक्षा आयोजन कराने की योजना शुरु की. इन मॉक परीक्षाओं में प्रथम 5 स्थान हासिल करने वाले युवाओं को विधायक द्वारा व्यक्तिगत खर्चे से उस माह में सम्मानजनक स्कॉलरशिप राशि व प्रतियोगी पुस्तकें भेट करने की बात भी विधायाक द्वारा कही गयी है. विधायक मयूख महर द्वारा इस मॉक टेस्ट में निःशुल्क रजिस्ट्रेशन के लिये जारी नम्बर 7409977777 है.
(Laxman Singh Mahar Mock Test)
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