पिछले कुछ सालों से उत्तराखण्ड के युवाओं द्वारा लोक संगीत को नए कलेवर में पेश करने का चलन देखने में आया है. इन कोशिशों में गाने को भौंडा बनाने के बजाय उनकी पहाड़ी आत्मा को बचाये-बनाये रखने के जतन भी किये जा रहे हैं. कुमाऊनी लोकसंगीत को रिक्रिएट करने में करन जोशी और उनका यू ट्यूब चैनल केदारनाद सबसे ज्यादा चर्चित है. (Harela Song by Kedarnaad)
करन जोशी गायक हैं, साजिंदे और संगीतकार भी. करन का नया गीत हरेले के मौके पर आया है. रिलीज होते ही यह गीत तेजी से लोकप्रिय भी होता जा रहा है. इस गीत को मामूली संसाधनों के साथ घर पर ही रिकॉर्ड किया गया है. आप भी इस गीत को सुनें और शेयर करें.
इससे पहले करन जोशी कबूतरी देवी, भानुराम सुकोटी गिर्दा और हीरा सिंह राणा के सर्वकालिक लोकप्रिय गीतों को रीक्रियेट कर चुके हैं.
आधुनिक और पारंपरिक वाद्य यंत्रों के संयोग से बने ये गीत ख़ास तौर से युवाओं के बीच लोकप्रिय भी हो रहे हैं. ऐसे युवाओं कि संख्या भले ही कम है लेकिन ये उत्तराखण्ड के लोकसंगीत की नयी आशा जरूर हैं.
‘केदारनाद’ की कुमाऊनी होली बसंती नारंगी
नये अंदाज में कुमाऊनी होली शिव के मन मा ही बसे काशी
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