Featured

चौकोड़ी : जहां आप आकाशगंगाओं से बात कर सकते हैं

उत्तराखण्ड में अपने प्राकृतिक सौन्दर्य से आश्चर्यचकित कर देने वाली जगहों की कमी नहीं है. मसूरी, नैनीताल, कौसानी, कॉर्बेट पार्क आदि जगहें देश ही नहीं विदेशी सैलानियों के बीच भी काफी लोकप्रिय हैं. लेकिन कई अन्य बेहद हसीं वादियां उतनी चर्चित नहीं हैं जितनी कि वे खूबसूरत हैं. इन्हीं में से है चौकोड़ी. आम सैलानियों के लिए चौकोड़ी भले ही कम पहचानी जाने वाली जगह है लेकिन प्रकृति, पहाड़ और हिमालय प्रेमियों के लिए ये हिल स्टेशन स्वर्ग से कम नहीं है. (Chaukori Beautiful tourist destination of Uttarakhand)

पिथौरागढ़ जिले का यह छोटा सा पहाड़ी गांव काठगोदाम से लगभग 180 किमी की दूरी पर है. चौकोड़ी में बांज, चीड़, बुरांश, ओक, देवदार के घने जंगल हैं. फलदार बगीचों के अलावा चौकोड़ी के चाय बागान भी बेहद खुबसूरत हैं.

ब्रिटिश राज में चौकोड़ी के उद्योगपति दान सिंह मालदार ने चौकोड़ी के चाय बागानों में ही दुनिया की बेहतरीन चाय पैदा की थी. मालदार ने तब चौकोड़ी की विश्वस्तरीय चाय से यूरोप के बाजारों में चीन की चाय का वर्चस्व ख़त्म कर दिया था. आज चौकोड़ी की चाय की वह लोकप्रियता भले ही न हो लेकिन यहां के बागानों में उम्दा किस्म की चाय आज भी पैदा की जाती है. आज भी चौकोड़ी में मालदार का बंगला और उनके उद्यमों के अवशेष मौजूद हैं.

फोटो : अजय कन्याल

चौकोड़ी से हिमालय की विस्तृत श्रृंखला काफी करीब दिखाई पड़ती है. यहां से पंचाचूली, नन्दाकोट, त्रिशूल, थरकोट, मैकतोली और नन्दादेवी की चोटियों का नयनाभिराम दृश्य दिखाई देता है. चौकोड़ी दुनिया के बेहतरीन सूर्योदय और सूर्यास्त पॉइंट्स में से भी एक है. सूर्योदय और सूर्यास्त के बेहतरीन नज़ारे के अलावा चौकोड़ी में सितारों से ढंका नीला आसमान भी दिलकश दिखाई देता है. चौकोड़ी की रातों का असमान अलौकिक आकाशगंगाओं से लिपटा रहता है.

चौकोड़ी का आकार एक कटोरे जैसे ही है जिसमें कुदरत ने अपने कई बेमिसाल नगीने उड़ेल दिए हैं.

फोटो : जयमित्र सिंह बिष्ट

चौकोड़ी और इसके आसपास का इलाका महाभारतकालीन कथाओं का भी हिस्सा है. इसलिए प्रकृति के अलावा धार्मिक पर्यटन की दृष्टी से भी चौकोड़ी के आसपास कई बेहतरीन जगहें हैं. चौकोड़ी में ही है गोलू देवता के अवतार चौकोड़ी बुबू का मंदिर. पाताल भुवनेश्वर, नकुलेश्वर मंदिर, अर्जुनेश्वर शिव मंदिर, नागमंदिर, कपिलेश्वर ,महादेव जैसे कई मंदिर चौकोड़ी से बहुत कम ही दूरी पर हैं. (Chaukori Beautiful tourist destination of Uttarakhand)

रानी पद्मिनी को प्रिय था रानीखेत

कत्यूर: उत्तराखण्ड का सबसे वैभवशाली साम्राज्य

काफल ट्री के फेसबुक पेज को लाइक करें : Kafal Tree Online

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Sudhir Kumar

Recent Posts

कानून के दरवाजे पर : फ़्रेंज़ काफ़्का की कहानी

-अनुवाद : सुकेश साहनी कानून के द्वार पर रखवाला खड़ा है. उस देश का एक…

2 days ago

अमृता प्रीतम की कहानी : जंगली बूटी

अंगूरी, मेरे पड़ोसियों के पड़ोसियों के पड़ोसियों के घर, उनके बड़े ही पुराने नौकर की…

5 days ago

अंतिम प्यार : रवींद्रनाथ टैगोर की कहानी

आर्ट स्कूल के प्रोफेसर मनमोहन बाबू घर पर बैठे मित्रों के साथ मनोरंजन कर रहे…

5 days ago

माँ का सिलबट्टे से प्रेम

स्त्री अपने घर के वृत्त में ही परिवर्तन के चाक पर घूमती रहती है. वह…

7 days ago

‘राजुला मालूशाही’ ख्वाबों में बनी एक प्रेम कहानी

कोक स्टूडियो में, कमला देवी, नेहा कक्कड़ और नितेश बिष्ट (हुड़का) की बंदगी में कुमाऊं…

1 week ago

भूत की चुटिया हाथ

लोगों के नौनिहाल स्कूल पढ़ने जाते और गब्दू गुएरों (ग्वालों) के साथ गुच्छी खेलने सामने…

1 week ago