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तकसीम: मंटो की कहानी

  सआदत हसन मंटो (1912-1955) उर्दू के सबसे विख्यात अफसानानिगारों में शामिल हैं. उन्होंने कई फिल्मों की पटकथाएं भी लिखीं.…

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ई.यू. के साथ बुरे समझौते से बेहतर है कि कोई समझौता न हो

चार्लेमागेन के दौर से यूरोपीय संघ तक एकीकृत यूरोप का विचार लगातार जारी रहा. लेकिन इसकी वजह अलग-अलग समय पर…

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जब अब्दुल रशीद कारदार ने बनाईं एक साल में तीन फ़िल्में

होली, पागल और पूजा तीनों 1940 में अब्दुल रशीद कारदार की बनाई तीन फ़िल्में हैं. अब्दुल रशीद कारदार की सिनेमाई…

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अध्यात्म और विपश्यना का यथार्थवाद

विपश्यना अध्यात्म का यथार्थवाद है. यहां न आत्मा है, न ईश्वर और न कोई सच्चिदान्द. ध्यान में उतरने के लिए…

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साझा कलम: 4 – अनुराग उप्रेती

[एक ज़रूरी पहल के तौर पर हम अपने पाठकों से काफल ट्री के लिए उनका गद्य लेखन भी आमंत्रित कर…

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तब मेरी जेब में एक नहीं दो बाघ होते हैं : विद्रोही की कविता

दो बाघों की कथा -रमाशंकर यादव ‘विद्रोही’ मैं तुम्हें बताऊंगा नहीं बताऊंगा तो तुम डर जाओगे कि मेरी सामने वाली…

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नैनीताल माउन्टेनियरिंग क्लब मना रहा है अपनी स्वर्ण जयन्ती

नैनीताल माउन्टेनियरिंग क्लब के बेमिसाल 50 साल -प्रमोद साह 1953 में एडमंड हिलेरी व शेरपा तेनजिंग द्वारा एवरेस्ट फतह किए…

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भोले का शीतकालीन प्रवास मक्कूमठ

मक्कूमठ गढ़वाल मंडल के रुद्रप्रयाग जनपद की पट्टी परकण्डी व तहसील ऊखीमठ हुते हुए या भीरी परकण्डी होते हुए पहुंचा…

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साझा कलम – ३ : विवेक वत्स

[एक ज़रूरी पहल के तौर पर हम अपने पाठकों से काफल ट्री के लिए उनका गद्य लेखन भी आमंत्रित कर…

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यथार्थ के दलदल में डूब जाएगा उनका गृहविज्ञान

गृहविज्ञान -सुन्दर चंद ठाकुर वे कौन सी तब्दीलियां थीं परंपराओं में कैसी थीं वे जरूरतें सभ्यता के पास कोई पुख्ता…

6 years ago