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कहो देबी, कथा कहो – 5

पिछली कड़ी साहित्य की प्रयोगशाला नैनीताल मेरे लिए साहित्य की प्रयोगशाला भी रहा जहां मैंने साहित्य की बारहखड़ी लिखी और…

6 years ago

दो त्वचाओं वाली औरत

अफ्रीकी लोक-कथाएँ : 2 कालाबार का राजा एयाम्बा बहुत ताकतवर था. उसने अपने पड़ोस के सभी देशों को हराकर उन…

6 years ago

आल वेदर रोड पर सुप्रीम कोर्ट की पैनी निगाह

सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) की ओर से ‘चारधाम महामार्ग विकास परियोजना’ को दी मंजूरी पर रोक लगा…

6 years ago

कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 2

पिथौरागढ़ में रहने वाले बसंत कुमार भट्ट सत्तर और अस्सी के दशक में राष्ट्रीय समाचारपत्रों में ऋतुराज के उपनाम से…

6 years ago

इस बार सिरे से गायब है अल्मोड़ा फेस्टिवल में फोटो प्रदर्शनी

आज से तकरीबन 20 साल पहले 1998 से अल्मोड़ा में शरदोत्सव होता आया है और अल्मोड़ा शहर के तमाम कलाकार…

6 years ago

खिड़की में खड़ी सपनों की रानी

दुनिया या प्रेम में खुलती खिड़की -संजय व्यास डाकिया आज भी उसे कायदे से नहीं जान पाया था भले ही…

6 years ago

यहां मैंने कुत्तों को लोमड़ियों की तरह गहरी मांद बना कर बच्चे देते देखा

गिलहरी का घोंसला -चन्द्रभूषण घर के सामने एक शहतूत और एक बकाइन का पेड़ है. दोनों मेरे ही लगाए हुए…

6 years ago

एक बुरूंश कहीं खिलता है

हरीश चन्द्र पाण्डे की कविताएँ - 1 एक बुरूंश कहीं खिलता है - हरीश चन्द्र पांडे खून को अपना रंग…

6 years ago

क्या आपको भी अपने गाँव का घर बुलाता है?

मेरे घर रह जाना -शिवप्रसाद जोशी “मेरी सबसे सतत और सजीव स्मृतियां लोगों के बारे में उतनी नहीं हैं जितनी…

6 years ago

सिनेमा : कालजयी फ्रेंच फिल्म ‘रेड बैलून’ का जादू

फ़्रांस के फ़िल्मकार अलबर्ट लेमुरेस्सी द्वारा बच्चों के लिए बनायी फ़िल्म ‘रेड बैलून’ अपने निर्माण के साठ साल बीत जाने…

6 years ago