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रहस्यमयी झील रूपकुंड तक की पैदल यात्रा – 4

(पिछली क़िस्त का लिंक - रहस्यमयी झील रूपकुंड तक की पैदल यात्रा - 3) वेदनी बुग्याल को पार करते हुए…

6 years ago

पैंतीस के बाद प्रेम वाया और पतित होने के नारायणी नुस्खे

एक बार तो लगता है कि झपटकर कर लें, लेकिन फिर दिमाग चोक लेने लगता है. यहां तक आते-आते दिल…

6 years ago

रामी बुढ़िया ( लोककथा )

एक गांव में रामी नाम की बुढिया रहती थी, उसकी बेटी का विवाह दूर एक गांव में हुआ था जहाँ…

6 years ago

पाताल भुवनेश्वर की यात्रा

उत्तराखण्ड की पावन भूमि आदिकाल से ही मानव सभ्यता का गढ रही है. मनीषीयों, विद्वानों, साधु-सन्तों, विचारकों और तपस्वियों की…

6 years ago

कितनी-कितनी लड़कियां भागती हैं मन ही मन

भागी हुई लड़कियां  -आलोक धन्वा एक घर की जंजीरें कितना ज्यादा दिखाई पड़ती हैं जब घर से कोई लड़की भागती…

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सूरज की मिस्ड काल – 8

धूप का चौकोर टुकड़ा सुबह का समय है. कमरे के बाहर बरामदे में धूप का चौकोर टुकड़ा अससाया सा लेटा…

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शुक्र है कबीर

शुक्र है कबीर!! तुम सल्तनत युग में पैदा हुए. आज होते तो कोई नामी कटटरवादी संगठन तुम्हारी जान का प्यासा…

6 years ago

रामलीला के बहाने नये – नये प्रयोग भाग : 1

कुमाऊॅं (उत्तराखण्ड) में प्रचलित रामलीला सम्भवतः संसार का एक मात्र ऐसा गीत नाट्य है जो ग्यारह दिनों तक लगातार क्रमशः…

6 years ago

कहो देबी, कथा कहो – 2

पिछली कड़ी वे संगी-साथी हां तो सुनो, कक्षा में मेरे एक-दो दोस्त बन गए, लेकिन निवास पर मैं अलग-थलग-सा पड़…

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माफ़ करना हे पिता – 3

(पिछली क़िस्त: माफ़ करना हे पिता - 2) एक दिन सुबह के वक्त मैं खेलता हुआ मकान मालिक के आँगन…

6 years ago