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बदलते परिवेश का पहाड़ – दूसरी क़िस्त

कथियान कुछ एक दुकानों, ढाबों, चाय के खोमचों और कुछ एक बेमकसद टहलते युवाओं का ठौर है. इन सबों के…

6 years ago

कहो देबी, कथा कहो – 14

डांस ब्वाइज डांस  छुट्टी के दिन कई बार मैं अपने साथी बिष्ट के कमरे में भी मिलने चला जाता था.…

6 years ago

कुमाऊँ में अंग्रेज – 1815 से 1857 तक

ईस्ट इंडिया कंपनी का 1815 में उत्तराखण्ड आगमन उत्तराखण्ड में गोरखों के 25 साला सामन्ती सैनिक शाही के अन्त से…

6 years ago

कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 33

  पिथौरागढ़ में रहने वाले बसंत कुमार भट्ट सत्तर और अस्सी के दशक में राष्ट्रीय समाचारपत्रों में ऋतुराज के उपनाम…

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इस ख़राबे में कोई मर्द कहां – फ़हमीदा रियाज़ को श्रद्धांजलि

कब तक मुझ से प्यार करोगे? कब तक? जब तक मेरे रहम से बच्चे की तख़्लीक़ का ख़ून बहेगा जब…

6 years ago

रं सभ्यता के गाँव – रवि पतियाल के फोटो

  फिलहाल भीमताल में रह रहे रवि पतियाल डायरेक्टरेट ऑफ़ कोल्ड वाटर फिशरीज़ में वैज्ञानिक हैं. धारचूला की चौंदास घाटी…

6 years ago

रानीखेत के करगेत से कानपुर तक खिंची एक पुरानी डोर

तीस के दशक में कभी रानीखेत तहसील के एक छोटे से गाँव करगेत से निकले पाँच भाइयों ने जब जीवन…

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हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने : 39

बरेली के मिशनरी प्रचारक विलियम बटलर ने पहाड़ में मिशनरी का खूब प्रचार किया था. फतेहपुर के पास ईसाई नगर…

6 years ago

मेंढक कहानी के लेखक गम्भीर सिंह पालनी के साथ मुलाकात

वरिष्ठ कथाकार व कवि गम्भीर सिंह पालनी पिछले 12 नवम्बर 2018 को हल्द्वानी में डॉ. प्रशान्त निगम के पास अपने…

6 years ago

बदलते परिवेश का पहाड़ – पहली क़िस्त

मुझे और मेरे सहपाठी रतन सिंह को जिस दिन चकराता से त्यूनी जाना था उसके एक रात पहले चकराता और…

6 years ago