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पंद्रहवीं शताब्दी की उत्तराखण्डी प्रेम कहानी

उत्तराखण्ड की भी अपनी कुछ ऐतिहासिक प्रेम कथाएँ हैं. राजुला-मालुसाई इनमें सर्वाधिक लोकप्रिय प्रेमकथा है. लेकिन कुछ अन्य प्रेम कथाएँ…

6 years ago

कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 109

डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है - “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि…

6 years ago

इन्हीं तस्वीरों जैसा धुंधला है पंचेश्वर जलागम का भविष्य

महाकाली और सरयू के संगम पर बसा पंचेश्वर पिछले लम्बे समय से खबरों में है. एक विशाल समाज और हजारों…

6 years ago

हींग लगे न फिटकरी, मालिक की जै-जै : मेले कैसे-कैसे

कहो देबी, कथा कहो – 34 पिछले कड़ी- कहो देबी, कथा कहो – 33 वह नई शाखाओं के खुलने और…

6 years ago

पहाड़ की क्लासिक प्रेमकथा : कोसी का घटवार

शेखर जोशी का जन्म 10 सितंबर 1932 को उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के ओलिया गांव में जन्म हुआ. अनेक सम्मानों…

6 years ago

तुम इतना जो मुस्करा रहे हो – जगजीत सिंह पुण्यतिथि विशेष

ग़ज़ल का सुनने का शौक़ हो और आपने जगजीत सिंह का नाम न सुना हो ऐसा मुमकिन नहीं. 8 फरवरी…

6 years ago

वरेण्यम क्रिएशन्स: उत्तराखण्ड के सांस्कृतिक जगत की नयी उम्मीद

एक छोटे से राज्य के मामूली से गाँवों-कस्बों के कुछ युवा एक छोटे से शहर में पढ़ाई करने के दौरान…

6 years ago

कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 108

डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है - “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि…

6 years ago

कुमाऊँ की सत्ता का ऐतिहासिक केंद्र रहा है पाली-पछाऊं

पाली-पछाऊं द्वाराहाट से 12 मील की दूरी पर है. इसे चन्द राजाओं की राजधानी के रूप में जाना जाता है.…

6 years ago

यह लेख अटैची के बारे में नहीं है

आज प्रातः समाचार मिला कि एक मित्र की नियुक्ति उप निदेशक के पद पर हो गई है. मित्र की नियुक्ति…

6 years ago