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कुमाऊं के रं समाज को जानने के लिए बहुत जरूरी है चार्ल्स शेरिंग की किताब

चार्ल्स शेरिंग की किताब ‘वेस्टर्न तिब्बत एंड ब्रिटिश बॉर्डरलैंड’ साल 1906 में लन्दन के एडवर्ड आर्नल्ड प्रकाशन ने छापी थी.…

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नैनीताल में नसीरुद्दीन शाह के शुरुआती दिन

देश के सर्वकालीन महानतम अभिनेताओं में से एक नसीरुद्दीन शाह ने अभी कुछ दिन पहले अपना जन्मदिन मनाया है. यह…

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दोगांव की टिक्की न खाई तो क्या खाया

हल्द्वानी-नैनीताल राजमार्ग पर हल्द्वानी से 14 किलोमीटर दूर स्थित दोगांव बहुत लम्बे समय से पहाड़ की तरफ आने-जाने वाली गाड़ियों…

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आने वाली पीढ़ियों के लिए पानी बचाना होगा

थार रेगिस्तान में तापमान पचास डिग्री तक पहुंचने, हर तीसरे साल अकाल, दुकाल, त्रिकाल पड़ने पर यहां के ग्रामीण जन…

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बांस के डंडों और ग्रामीणों के कन्धों पर चल रही है उत्तराखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था

ऊपर जो तस्वीर आप देख रहे हैं वह उत्तराखंड के गांव बुरायला की है. चार कंधे, दो बांस की डंडियों…

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माँ शिवरानी देवी, प्रेमचंद और सास सुभद्रा कुमारी चौहान

इस पोस्ट को पिछली पोस्ट के क्रम में पढ़िए. पिछली पोस्ट का लिंक: पचास साल पहले इलाहाबाद में कथाकार अशोक…

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लोककथा: रूप कुंड की मानव अस्थियों का सच

रूप कुंड में मानव कंकाल पाए जाने के विषय में एक अन्य रोचक कहानी और भी चलन में है. जो…

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अच्छे दोस्त जिंदगी की सबसे बड़ी नेमत होते हैं

4G माँ के ख़त 6G बच्चे के नाम – पंद्रहवीं क़िस्त पिछली क़िस्त का लिंक: लड़कियां चाहे बच्चे जनती मर जाएं,…

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ऐतिहासिक रहा है चनौदा का गांधी आश्रम

1929 में महात्मा गांधी ने कुमाऊं की यात्रा की थी. 22 दिनों की इस यात्रा में उनका लक्ष्य क्षेत्रीय स्तर…

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‘अम टो मिस्टर हो गया अब यूरप जाना मांगटा है’ – उत्तराखंड के स्वाधीनता संग्राम का एक अनछुआ पहलू

1920 का दशक था. भारत में उन दिनों स्वतन्त्रता आन्दोलन बहुत तेजी से फ़ैल रहा था. राष्ट्रीय चेतना अपने पाँव…

5 years ago