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कोसी नदी ‘कौशिकी’ की कहानी

इस पहाड़ से निकल उस पहाड़कभी गुमसुम सी कभी दहाड़यूं गिरते-उठते, चलते मिल समंदर से जाती हैहर नदी अपनी मंजिल…

2 months ago

यो बाटा का जानी हुल, सुरा सुरा देवी को मंदिर…

मुनस्यारी में एक छोटा सा गांव है सुरिंग. गांव से कुछ तीन किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई पर नंदा देवी का…

2 months ago

कुमौड़ गांव में हिलजात्रा : फोटो निबन्ध

हिलजात्रा एक ऐसी परंपरा जो पिछले 500 सालों से पिथौरागढ़ के कुमौड़ गाँव में चली आ रही है जिसे कुमौड़…

2 months ago

शो मस्ट गो ऑन

मुझ जैसा आदमी... जिसके पास करने को कुछ नहीं है... जो बिलकुल अकेला हो और उससे बढ़ कर बूढ़ा हो……

3 months ago

सेंट जोसेफ कॉलेज नैनीताल : देश का प्रतिष्ठित स्कूल

किसी भी समाज के निर्माण से लेकर उसके सांस्कृतिक एवं आर्थिक विकास में शिक्षा की  महत्वपूर्ण भूमिका होती है. शिक्षा…

3 months ago

चप्पलों के अच्छे दिन

लंबे अरसे से वह बेरोज़गारों के पाँव तले घिसती हुई जिन्स की इमेज ढोती रही. उसका हमवार जूता, हर राह,…

3 months ago

छिपलाकोट अंतरयात्रा : चल उड़ जा रे पंछी

पिछली कड़ी : छिपलाकोट अंतरयात्रा : वो भूली दास्तां, लो फिर याद आ गई सुबह हो गई है. मौसम बिलकुल…

3 months ago

बिरुण पंचमि जाड़ि जामलि, बसंतपंचमि कान कामलि

पहाड़ों में इन दिनों होता है आनन्द और उत्सव का माहौल. अगले कुछ दिन गाँव के लोग मिलकर आंगन में…

3 months ago

‘कल फिर जब सुबह होगी’ आंचलिक साहित्य की नई, ताज़ी और रससिक्त विधा

हमारी दुनिया एक फ़ैसला-कुन तरीके से उलट रही थी जब ये जुमला बहुत आहिस्ता से फूंका गया था हमारे कानों…

3 months ago

कसारदेवी के पहाड़ से ब्लू सुपरमून

Once in a blue moon, आपने अक्सर अंग्रेज़ी की इस कहावत का ज़िक्र किया होगा या फिर सुना होगा, पर…

3 months ago