Featured

सातों-आठों के लिये आज भिगाते हैं बिरुड़े

कुमाऊं में आज से लोकपर्व सातों-आठों की आगाज़ है. कुमाऊं में सबसे उल्लास से बनाये जाने वालों लोक्पर्वों में सातों-आठों एक महत्त्वपूर्ण…

4 years ago

गिर्दा तुमने जिंदगी भर क्या कमाया है

गिर्दा के बारे में उचित ही कहा जाता है कि वो कविता करता नहीं जीता था. और जब कविता सुनाता…

4 years ago

जब गिर्दा ने अपनी गठरी चुराने वाले को अपनी घड़ी देकर कहा – यार मुझे लगता है, मुझसे ज्यादा तू फक्कड़ है

गिर्दा में अजीब सा फक्कड़पन था. वह हमेशा वर्तमान में रहते थे, भूत उनके मन मस्तिक में रहता था और…

4 years ago

पहाड़ में नीली क्रांति को समर्पित कुमकुम साह

पंडा फार्म पिथौरागढ़ में कभी कभार ताजी साग सब्जी खरीदने, अंडा मुर्गी लेने जाना होता. जर्सी नसल की गायों का…

4 years ago

गिर्दा: जनता के कवि की दसवीं पुण्यतिथि है आज

गिरदा भौतिक रूप से आज हमारे बीच में नहीं हैं एक शरीर चला गया लेकिन उनका संघर्ष, उनकी बात, उनके…

4 years ago

मंगलू जागर्या : नंदकिशोर हटवाल का नाटक जो परम्पराओं को विज्ञान की कसौटी पर परखता है

उत्तराखंड के गढ़वाल व कुमाऊं अंचल में जागर एक महत्वपूर्ण विधा है, गीत-संगीत और लोकनृत्य की. लोक ऐतिहासिक सामग्री के…

4 years ago

अर्धांगिनी : छुट्टी में पहाड़ आये फ़ौजी का घर-संसार लपेटे शैलेश मटियानी की कहानी

टिकटघर से आखिरी बस जा चुकने की सूचना दो बार दी जा चुकने के बावजूद नैनसिंह के पाँव अपनी ही…

4 years ago

पहाड़ी बारात में एक धार से दूसरे धार बाजों से बातें होती हैं

बचपन में हम बच्चों की एक तमन्ना बलवान रहती थी कि गांव की बारात में हम भी किसी तरह बाराती…

4 years ago

हरतालिका से सम्बंधित मान्यताएं

हरतालिका तीज के दिन महिलायें खासकर शादीशुदा महिलाएं पति की लम्बी उम्र के लिए व्रत रखती हैं. यह तीज ब्राह्मणों…

4 years ago

गढ़वाल से ग्लोब तक मेरे कैसे-कैसे कमरे

तुम्हें अपने कमरे से जाने की ज़रूरत नहीं है. अपनी मेज के पास बैठे रहो और सुनो. बल्कि सुनो भी…

4 years ago