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हिमालय में जलविद्युत परियोजना के नाम पर नदियों-पहाड़ों का विनाश

यदि आपसे पूछा जाए कि एक नदी की स्वाभाविक प्रकृति क्या है? तो निश्चित ही आपका जवाब होगा-अपने तयशुदा मार्ग…

3 years ago

शिवलिंग का पूजन उत्तराखंड के इस धाम से शुरू हुआ था

शिव को अनेक रूपों में पूजा जाता है उन्हीं रूपों में एक है शिवलिंग. पौराणिक कथानुसार माना गया है कि…

3 years ago

रहस्यमयी रूपकुंड से जुड़ी कहानियां

रूपकुंड यहां से करीब तीन किलोमीटर दूर है. लेकिन उंचाई ज्यादा होने से रास्ता बहुत लंबा और थकान भरा महसूस…

3 years ago

ईश्वर के अस्तित्व पर महात्मा गांधी का अनमोल भाषण

अक्टूबर 1931 में महात्मा गांधी लंदन गए थे, वहां उन्होंने किंग्सले हॉल में बड़ी संख्या में इकट्ठा हुए लोगों को…

3 years ago

चटोराबाद में मोहिनी से भेंट

मोहिनी मोहक है. मोहिनी मनभावन है. मोहिनी आज भैया के पास खड़ी है. मोहिनी स्थिर है. मोहिनी स्वाधार है. उसका…

3 years ago

थल में नदी किनारे छक्के लगाने वाली श्वेता वर्मा का बल्ला अब भारत के लिये बोलेगा

रामगंगा नदी के किनारे सदियों पुरानी बसासत है थल. सदियों से थल आस-पास के लोगों की जरूरत पूरा करने वाला…

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पहाड़ में राजस्व के साथ पुलिस भी संभाले पटवारी

गों घर हो या पट्टी, अंग्रेज की शकल किसने देखी? पर पटवारी वो तो साक्षात् राजसेब हुआ.जरा उसकी आँख में…

3 years ago

शेरदा अनपढ़ और नरेन्द्र सिंह नेगी की जनप्रतिनिधियों पर व्यंग्यात्मक टिप्पणी

लगभग चौबीस सौ साल पहले जन्मे महान दार्शनिक अरस्तु द्वारा शासन सम्बन्धी व्यवस्था पर प्रतिपादित अपने तीन वर्गीकरण में से…

3 years ago

बगुवावासा: रूपकुंड यात्रा का एक पड़ाव जहां से आगे पानी बहना भूल जाता है

आज बगुवावासा में पड़ाव था. रूपकुंड की तलहटी पर ठंडा पड़ाव है बगुवावासा. अविनखरक से सात किलोमीटर पर है पाथर…

3 years ago