सिनेमा

गांधीजी ने जिस फिल्म को सराहागांधीजी ने जिस फिल्म को सराहा

गांधीजी ने जिस फिल्म को सराहा

हिंदी सिनेमा में ‘अछूत कन्या’ का ऐतिहासिक महत्त्व है. छुआछूत के विरोध में बनी यह पहली फिल्म थी. बाम्बे टॉकीज’ निर्मित और…

6 years ago
हत्यारे ही सूत्रधार हैं ‘सेक्रेड गेम्स’ मेंहत्यारे ही सूत्रधार हैं ‘सेक्रेड गेम्स’ में

हत्यारे ही सूत्रधार हैं ‘सेक्रेड गेम्स’ में

‘वो बात सारे फ़साने में जिसका ज़िक्र न था’, वो बात ये है कि सेक्रेड गेम्स (Sacred Games) नाम की…

6 years ago
सिक्योरिटी गार्ड से स्टारडम तक : नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी का इंटरव्यूसिक्योरिटी गार्ड से स्टारडम तक : नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी का इंटरव्यू

सिक्योरिटी गार्ड से स्टारडम तक : नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी का इंटरव्यू

हिन्दी सिनेमा में नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी ने एक बेहतरीन अभिनेता के तौर पर अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है. उनके द्वारा अभिनीत…

6 years ago
अपने समय के सुपरस्टार्स को जेब में लेकर घूमते थे कादर खानअपने समय के सुपरस्टार्स को जेब में लेकर घूमते थे कादर खान

अपने समय के सुपरस्टार्स को जेब में लेकर घूमते थे कादर खान

एक ज़माना था जब कादर खान को एक फिल्म लिखने के अमिताभ बच्चन से ज़्यादा पैसे मिलते थे. सत्तर और…

6 years ago
समूचा हिंदुस्तान नजर आता है ‘बावर्ची’ फिल्म मेंसमूचा हिंदुस्तान नजर आता है ‘बावर्ची’ फिल्म में

समूचा हिंदुस्तान नजर आता है ‘बावर्ची’ फिल्म में

बावर्ची (1972) विघटित होते पारिवारिक मूल्यों की पुनर्स्थापना को लेकर आई एक नए मिजाज की फिल्म थी. तब के दौर…

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देश में बनी पहली गढ़वाली फिल्म थी ‘जग्वाल’देश में बनी पहली गढ़वाली फिल्म थी ‘जग्वाल’

देश में बनी पहली गढ़वाली फिल्म थी ‘जग्वाल’

बृहस्पतिवार, 4 मई 1983 का दिन. दिल्ली का रफ़ी मार्ग सैकड़ों की भीड़ से अटा हुआ था. रफ़ी मार्ग में…

6 years ago
सिनेमा: फिल्म निर्माण में एक सफल प्रयोग की कहानीसिनेमा: फिल्म निर्माण में एक सफल प्रयोग की कहानी

सिनेमा: फिल्म निर्माण में एक सफल प्रयोग की कहानी

आज जब हम इंटरनेट पर जॉन अब्राहम के नाम से खोज शुरू करते हैं तो सबसे पहले 1972 में पैदा…

6 years ago
वन्स अगेन – फिल्म रिव्यूवन्स अगेन – फिल्म रिव्यू

वन्स अगेन – फिल्म रिव्यू

किसी भी एहसास पर कला का प्रदर्शन बेहद कठिन काम है फिर अगर एहसास प्यार हो तो काम और कठिन…

6 years ago
सिनेमा: पांच मिनट में सत्रह देशों की दुनियासिनेमा: पांच मिनट में सत्रह देशों की दुनिया

सिनेमा: पांच मिनट में सत्रह देशों की दुनिया

एन वुड द्वारा 1984 में स्थापित टीवी कंपनी रैगडौल से सीख मिलती है कि एक अच्छा प्रोग्राम कैसे और कितनी…

6 years ago
पीहू की कहानियाँ – 6पीहू की कहानियाँ – 6

पीहू की कहानियाँ – 6

फ़िल्म की असली डायरेक्टर “पीहू” ही है पिछले कई दिनों से मैं इंटरव्यू दे रहा हूँ.एक सवाल सबसे ज़्यादा पूछा…

6 years ago