विश्व के अन्य भागों की भाँति ही उत्तराखण्ड की संस्कृति भी अपने आप में समृद्ध रही है, परन्तु आधुनिकता की…
परिचय- ‘‘नमोस्तु ते व्यास विशालबुद्धे, फुल्लारविन्दायतपत्रनेत्र:. येन त्वया भारततैलपूर्ण: प्रज्ज्वालितो ज्ञानमयप्रदीप:..’’ अर्थात:- जिन्होंने महाभारत रूपी ज्ञान के दीप को प्रज्वलित…
सर्द मौसम है कभी बादल सूर्य को आगोश में ले लेते हैं कभी सूरज देवता बादलों को पछाड़कर धूप फेंकते…
आज से 60-70 वर्ष पूर्व हमारी पीढ़ी के लोगों ने कुमाऊँ की पावन भूमि के जिस सांस्कृतिक वातावरण में प्रथम…
आप काफल ट्री की आर्थिक मदद कर सकते हैं संस्कार गीत संस्कार सम्बन्धी लोक गीत…
अब तो यह बीते बरसों की बात रही पर कभी जौलजीबी का मेला इलाके का सबसे बड़ा व्यापारिक मेला हुआ…
कहने को तो माहवारी प्रकृति की देन है, परन्तु लोगो ने इसे परंपरा से ऐसा बांधा है कि यह गांठ खुलने…
आज कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी का दिन है. उत्तराखंड के गावों में कार्तिक महीने की एकादशी बड़ी पावन मानी…
इगास बग्वाल के दिन भैला खेलने का विशिष्ठ रिवाज है. यह चीड़ की लीसायुक्त लकड़ी से बनाया जाता है. यह…
“सम्यक् प्रकारेण विरोधाभावान् अपास्य समभावान् जीवनोपयोगिनः करोति इति संस्कृतिः” अर्थात संस्कृति वह है जो मानवता को विकृत करने वाले भावों…