परम्परा

नीब करौरी धाम को क्यों कहते हैं ‘कैंची धाम’?

अगर आप कभी नैनीताल या अल्मोड़ा की तरफ़ यात्रा पर निकले हों तो रास्ते में “कैंची धाम” का नाम ज़रूर…

1 month ago

“घात” या दैवीय हस्तक्षेप : उत्तराखंड की रहस्यमयी परंपराएँ

उत्तराखंड की पहाड़ियाँ जितनी शांत और सुंदर हैं, उतनी ही रहस्यमय भी. यहाँ के गाँवों में आज भी कुछ परंपराएँ…

1 month ago

परम्परागत घराट उद्योग

वस्तुतः घराट को परम्परागत जल प्रबंधन, लोक विज्ञान और गांव-समाज की सामुदायिकता का अनुपम उदाहरण माना जाता है. सही मायने…

1 year ago

यो बाटा का जानी हुल, सुरा सुरा देवी को मंदिर…

मुनस्यारी में एक छोटा सा गांव है सुरिंग. गांव से कुछ तीन किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई पर नंदा देवी का…

1 year ago

बिरुण पंचमि जाड़ि जामलि, बसंतपंचमि कान कामलि

पहाड़ों में इन दिनों होता है आनन्द और उत्सव का माहौल. अगले कुछ दिन गाँव के लोग मिलकर आंगन में…

1 year ago

पहाड़ों में रोग उपचार की एक पारम्परिक विधि हुआ करती थी ‘लङण’

आधुनिक चिकित्सा पद्धति एलोपैथी की शुरूआत तो उन्नीसवीं शताब्दी में हुई और देश में तो इसकी पहुंच आमजन तक स्वतंत्रता…

1 year ago

हमारा लोकपर्व घ्यूं त्यार है आज

https://www.youtube.com/embed/tM07hC5IABM काफल ट्री का यूट्यूब चैनल अपनी विशिष्ट लोक परम्पराओं से उत्तराखंड के लोग अपने समाज को अलग खुशबू देते…

1 year ago

कल हरेला है

पहाड़ियों के घर में आज हरेला तैयार हो चुका होगा. हरेला यानी पांच या सात प्रकार के अनाजों की हरी-पीली…

1 year ago

आज आंचलिक त्यौहार वट सावित्री है

उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में आज का दिन बड़ा पवित्र माना जाता है. आज महिलाएं वट सावित्री का उपवास रखती…

1 year ago

अप्रैल 2024 की चोपता-तुंगनाथ यात्रा के संस्मरण

-कमल कुमार जोशी समुद्र-सतह से 12,073 फुट की ऊंचाई पर स्थित तुंगनाथ को संसार में सर्वाधिक ऊंचाई पर स्थित शिव…

2 years ago