जन

बागेश्वर के खर्कटम्टा गांव से तीन ताम्र शिल्प कारीगरों की बात जो लुप्त होती कला को बचाने में लगे हैं

बागेश्वर जिले के खर्कटम्टा गांव में कभी तांबे से बनने वाले बर्तनों की टन्न… टन्न की गूंज दूर घाटियों में…

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बाराती बनने के लिये पहाड़ी बच्चों के संघर्ष का किस्सा

शालिग मामा जी की शादी (26 अक्टूबर 1967 तारीख मामी जी ने बतायी है) की याद है. बरात तल्ली चामी…

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सिलबट्टा : वह पुरखा जो सदियों से पहाड़ी रसोई में बसा है

सिलबट्टे (सिल-लौढ़) का उत्तरांचली रसोई में एक विशेष महत्व रहा है. शगुन के एकाकी कार्य हो या रोजमर्रा की जिंदगी…

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अल्मोड़े में नंदा देवी मेले की एक्सक्लूसिव तस्वीरें

कोरोना के बीच अल्मोड़ा में आज नंदा देवी का डोला निकाला गया और लोगों की आस्था और विश्वास के बीच…

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उत्तराखंड के सुदूर पहाड़ों में जाकर मदद करने वाले मेडिकल के छात्रों से मिलिये

पहाड़ में यात्राओं के दौरान जब आप लौटने को होते हैं तो अक्सर बड़े बुजुर्ग और जवान आपसे एक बात…

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उत्तरांचल के लोकगीतों में नन्दा : बृजेन्द्र लाल शाह का एक महत्वपूर्ण लेख

अल्मोड़ा में ग्रीष्म की पीली उदास धुधलाई सन्ध्या की इस वेला में, मैं एकाकी बैठा कसार देवी के शिखर पर…

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गौरा-महेश्वर की गाथा में गौरा

कुमाऊँ की प्रचलित गौरा-महेश्वर की गाथा में शिव-पार्वती के विवाह में पड़ने वाली बाधाओं से सम्बन्धित आख्यान तथा जनश्रुतियां मिलती…

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पहाड़ों में सातों-आठों की बहार आ गयी है

भादों की शुक्ल पक्ष की अष्टमी को कुमाऊं और नेपाल में हर्षोल्लास और श्रृद्धा भक्ति से भरा प्रकृति को समर्पित,…

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पहाड़ी बारात में एक धार से दूसरे धार बाजों से बातें होती हैं

बचपन में हम बच्चों की एक तमन्ना बलवान रहती थी कि गांव की बारात में हम भी किसी तरह बाराती…

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उत्तराखंड की सामाजिक व व्यवसायिक पृष्ठभूमि में भेकुए के पेड़ का महत्व

उत्तराखंड की देवभूमि कई प्रकार की वनस्पतियों व प्राकृतिक संपदाओं से भरी हुई है. जिन संपदाओं में एक विशिष्ट संपदा…

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