समाज

उत्तराखंड के सुदूर पहाड़ों में जाकर मदद करने वाले मेडिकल के छात्रों से मिलिये

पहाड़ में यात्राओं के दौरान जब आप लौटने को होते हैं तो अक्सर बड़े बुजुर्ग और जवान आपसे एक बात कहते नजर आते हैं कि कोई गोली है दर्द की. आप नहीं जानते हैं उन्हें कौन सी बीमारी है फिर भी जिस लाचारी से कहते हैं आपका दिल पसीज जाता है. पहाड़ में दर्द की गोली माँगना एक सामान्य सी बात है.
(Uttrakhand Medical Students Helping People)

पहाड़ के स्वास्थ्य संबंधित दर्द को सभी जानते हैं. पहाड़ में जन्म लेने वाला हर बच्चा जानता है कि मृत्यु का भय क्या होता है क्योंकि इसी भय में उसका जन्म होता है. इस दर्द को वही समझ सकता है जिसका इसके साये में जन्म हुआ हो. गवर्मेंट मेडिकल स्टूडेंट एसोसिएशन ऐसे ही एक युवा की टीम है. नाम है आशु अवस्थी.

आशु मेडिकल कालेज श्रीनगर में तीसरे साल का विद्यार्थी है. पिथौरागढ़ में जन्मे आशु ने इस साल जून में गवर्मेंट मेडिकल स्टूडेंट एसोसिएशन की शुरुआत की. इसमें उत्तराखंड में स्थित सभी मेडिकल कालेज के छात्रों को उसने जोड़ा. इसके तहत पहला कार्यक्रम चलाया स्वस्थ हिमालय अभियान.

उत्तराखंड के पढाई कर रहे मेडिकल कालेज के ये छात्र स्वस्थ हिमालय अभियान के तहत उत्तराखंड के दूरस्थ क्षेत्रों में शिविर लगाते हैं. इन शिविरों में गांव वालों को निःशुल्क परामर्श और दवाएं उपलब्ध कराते है. हाल ही में जब पिथौरागढ़ के मुनस्यारी के धापा गांव में आपदा आई थी तब यह टीम वहां गयी थी. यहाँ उन्होंने शिविर लगाया था.
(Uttrakhand Medical Students Helping People)

स्वस्थ हिमालय अभियान के विषय में काफल ट्री की टीम को आशु ने बताया की हमने इसी साल जून से इसकी शुरुआत की थी. हमने थल में पहला शिविर लगाया जिसमें हमें डॉक्टर कमलेश खाती का विशेष सहयोग मिला. धापा के शिविर में डॉक्टर दिनेश चंदोला ने हमारी बहुत सहायता की. उन्होंने बताया की सीएमो की परमिशन के बाद हम इस तरह के शिविर चलाते हैं.

अभियान के दौरान आने वाली चुनौतियों के विषय में आशु कहते हैं कि दूरस्थ गावों में जाना अपने आप में एक मुश्किल काम है लेकिन जब एक लम्बा थका देने वाला सफ़र करने के बाद आपके पास बहुत से दुआ देने वाले लोग दिखते हैं तो नई उर्जा आती है. फंडिंग की समस्या रहती है, फ़िलहाल हमारे कालेज के सीनियर हमें बहुत मदद करते हैं और खूब प्रोत्साहित भी करते हैं. अब तक के दोनों ही शिविर हमने आपस में पैसे जमा कर और सीनियर की मदद से ही चलाये.

भविष्य के विषय में आशु का कहना है कि हमारे पास अभी पूरे उत्तराखंड में काम करने के लिये टीम तैयार है लेकिन फंड की कमी के कारण हम बहुत अधिक नहीं कर पा रहे हैं. हमने मिलाप के द्वारा एक कोशिश शुरु की है देखिये अच्छे परिणाम आने की तो उम्मीद है. मिलाप के द्वारा आप यहां स्वस्थ हिमालय अभियान में इन युवाओं की मदद कर सकते हैं.
(Uttrakhand Medical Students Helping People)

आशु अवस्थी का मोबाईल नंबर 8958882547 है आप उनसे सीधा संपर्क कर सकते हैं फ़िलहाल आशु और उनकी टीम द्वारा अब तक चलाये गये शिविरों में गांव वालों की ख़ुशी देखिये :   

काफल ट्री डेस्क

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें: Kafal Tree Online

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

Recent Posts

छिपलाकोट अन्तर्यात्रा : जिंदगानी के सफर में हम भी तेरे हमसफ़र हैं

पिछली कड़ी : छिपलाकोट अन्तर्यात्रा : दिशाएं देखो रंग भरी, चमक भरी उमंग भरी हम…

3 hours ago

स्वयं प्रकाश की कहानी: बलि

घनी हरियाली थी, जहां उसके बचपन का गाँव था. साल, शीशम, आम, कटहल और महुए…

1 day ago

सुदर्शन शाह बाड़ाहाट यानि उतरकाशी को बनाना चाहते थे राजधानी

-रामचन्द्र नौटियाल अंग्रेजों के रंवाईं परगने को अपने अधीन रखने की साजिश के चलते राजा…

1 day ago

उत्तराखण्ड : धधकते जंगल, सुलगते सवाल

-अशोक पाण्डे पहाड़ों में आग धधकी हुई है. अकेले कुमाऊँ में पांच सौ से अधिक…

2 days ago

अब्बू खाँ की बकरी : डॉ. जाकिर हुसैन

हिमालय पहाड़ पर अल्मोड़ा नाम की एक बस्ती है. उसमें एक बड़े मियाँ रहते थे.…

2 days ago

नीचे के कपड़े : अमृता प्रीतम

जिसके मन की पीड़ा को लेकर मैंने कहानी लिखी थी ‘नीचे के कपड़े’ उसका नाम…

2 days ago