इतिहास

जब राष्ट्रीय स्तर के नेता भी हल्द्वानी में बिना किसी सुरक्षा व्यवस्था के भाषण देते थे

आजादी की लड़ाई में बहुत बड़ा योगदान देने वालों और बाद में क्षेत्र का नेतृत्व करने वालों के सम्बंध में…

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कम शातिराना नहीं था हल्द्वानी की राजनीति में छोटेधोती-बड़ीधोती का खेल

बात स्वराज आश्रम से चल कर आजादी के दीवानों की हो रही थी. इसी क्रम में वर्तमान राजनीति पर चर्चा…

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कुमाऊं में आजादी के सभी केन्द्रों की धुरी था हल्द्वानी का स्वराज आश्रम

आजादी के बाद और कुछ हुआ हो या न हो पर जिन्हें कोई नहीं जानता था वह ऊंची सीढ़ियां चढ़…

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धारचूला में पहले टेलीफोन की पचास साल पुरानी याद

धारचूला में टेलीफोन का पदार्पण 1961 में तहसील बनने के बाद ही हुआ होगा क्योंकि उससे पहले उसके आने की…

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जब पहाड़ों में मां रोते हुए बच्चे से कहती थी चुप जा नहीं तो ‘हुणियां’ आ जायेगा

छुटपन में बच्चे जब किसी चीज के लिए जिद करते तो डराया जाता - चुप जा, नहीं तो 'हुणियां’ आ…

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हल्द्वानी को व्यापार केंद्र बनाने के लिए हेनरी रैमजे ने काशीपुर से व्यवसायियों को बुलाया

कालाढूंगी चौराहे पर एक पेड़ के नीचे कालू सैयद या कालू सिद्ध बाबा के नाम पर लोग गुड़ चढ़ाते हैं.…

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भाबर क्षेत्र में सहकारिता के जनक के रूप में जाने जाते हैं हीरा बल्लभ पांडे

आज का नैनीताल डिस्ट्रिक्ट कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड जिस शान से खड़ा है और अपने कारोबार के डंके बजा रहा है…

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जो काम राज्य सरकार आज करने को कह रही है, अमर सिंह रावत उसे नब्बे साल पहले कर चुके थे

[फेसबुक में उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री के साथ मंत्रीजनों को कंडाली/सिसोंण से बनाई 'फतकी' पहने मधुर मुस्कराती फोटो देखी तो…

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भारत की दस सबसे पराक्रमी रानियों में गढ़वाल की रानी कर्णावती

शाहजहाँ के राज्याभिषेक का समय था भारत के बड़े-बड़े राजा उसके दरबार में नतमस्तक होने गए थे लेकिन गढ़वाल के…

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कत्यूरी राजवंश: उत्तराखण्ड का शक्तिशाली साम्राज्य

कत्यूरी राजवंश ने उत्तराखण्ड पर लगभग तीन शताब्दियों तक एकछत्र राज किया. कत्यूरी राजवंश की ताकत का अंदाजा इस बात…

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