आहा, तो बड़ी पुरानी बात होगी. एक कस्बे में खूब बड़ा सेठ रहा करता था. एक दिन उसकी सेठानी को…
अल्मोड़ा के पास ही एक गांव था जिसका नाम था अन्यारीकोट. अन्यारीकोट के लोग भूत-भिसौंड़े को नियंत्रित करने में माहिर…
मन्दाकिनी नदी के स्त्रोत प्रदेश में भारतखण्ड शिखर के पदतल में 11753 फीट की ऊंचाई पर अत्यन्त भव्य दृश्यावली के…
द्वाराहाट कुमाऊं के सबसे पुराने नगरों में गिना जाता है. द्वाराहाट की भव्यता के चर्चे पूरे कुमाऊं-गढ़वाल में बरसों से…
पहाड़ से निकलने वाली नदी किनारे एक सुंदर सी बसावट हुआ करती थी. नदी वार और पार गांव वाले ही…
एक था गरीब ब्राह्मण. उसकी एक पत्नी थी – ब्राह्मणी. ब्राह्मणी घूम-घूम कर भीख माँगा करती थी. इसी तरह वे…
चैतोल कुमाऊँ मंडल में चैत्र नवरात्र में मनाया जाने वाला त्यौहार है. मुख्यतः पिथौरागढ़ की सोर घाटी, चम्पावत के गुमदेश…
एक था राजा, एक थी रानी. उनके पास सिपाही, घोड़े, दास-दासियाँ, धन दौलत सबकुछ था, सिर्फ उन्हें संतान नहीं थी.…
लोक के क्षितिज से उपजा और अन्तर्राष्ट्रीय फलक तक अपनी धमक पहुंचाने वाला कुमाऊॅ के सुपर-डूपर लोकगीत ‘बेड़ू पाको बारामासा’…
उमस्यारी गांव की जैता नाम कि एक लड़की भेलस्यूं नाम के गांव में ब्याही गयी. जैता का पति बिलकुल खड़बुद्धि…