लोक

लोककथा : शेरू और श्याम

सावित्री ने आज घर पर ही रहने का फैसला किया. थकाऊ खेती के काम से आज उसे फुरसत मिली थी.…

4 years ago

लोककथा : ह्यूंद की खातिर

पुरानी बात है जब दो वक्त की रोटी जुटाना ही बड़ी बात थी. उन्नत बीज और सही जानकारी न होने…

4 years ago

लोककथा : दुबली का भूत

सम्पूर्ण हिमालयी क्षेत्रों में स्थायी निवास के साथ-साथ प्रायः एक अस्थाई निवास बनाने का चलन है, जिसे छानी या खेड़ा…

4 years ago

निशा पुनेठा की ठेठ कुमाऊनी राखियां सजाएगी भाइयों की कलाई

ऐपण उत्तराखण्ड के कुमाऊं मंडल की बहुप्रचलित लोककला है. कुमाऊँ के हर घर की महिलाएं मांगलिक अवसरों पर इसे सदियों…

4 years ago

उत्तराखण्ड के एक लोक शिल्पी का जीवन

ग्राम नुवाली पोस्ट चैनपुर, जिला पिथौरागढ के रहने वाले फुन राम इस समय 80 साल के है. फुन राम बचपन…

4 years ago

बसंत के इस्तकबाल का त्यौहार है फूलदेई

ऋतुराज बसंत का स्वागत उत्तराखण्ड को देवभूमि के साथ उत्सवों की भी भूमि कहा जाय तो गलत नहीं होगा. यहाँ…

5 years ago

घुघुती की हमारे लोकजीवन में गहरी छाप है

घुघूती का महत्व देश के अन्य भागों में कितना है कह नहीं सकता किन्तु गढ़वाल-कुमाऊँ में घुघुती की छाप सबके…

5 years ago

बंसत पंचमी नये कार्यों की शुरुआत करने का पर्व है

बसंत ऐग्ये हे पार सार्यो मां, रूणक झुणक ऋतु बसंत गीत लगांदि ऐग्ये... आज से बंसत का आगमन हो गया…

5 years ago

बागेश्वर उत्तरायणी मेले में इस वक्त निकल रही झांकियों की तस्वीरें

उत्तराखण्ड के बागेश्वर में लगने वाला उत्तरायणी मेला ऐतिहासिक महत्व रखता है. (Uttarayani Mela Bageshwar 2020) पुराने समय में यह…

5 years ago

अभिलाषा पालीवाल के ऐपण कला में अद्भुत प्रयोग

हल्द्वानी में रहने वाली अभिलाषा पालीवाल की ऐपण कला पारंपरिक ऐपण कला और आधुनिक पेंटिंग का अद्भुत सम्मिश्रण हैं. देहरी…

5 years ago