पहाड़ में आण-काथ-लोक गाथाओं का अक्षय भंडार हुआ जिनके असंख्य किस्से आमा-बुबू के मुँह से नानतिनों तक पहुँच सुनहरी यादों…
(यह संस्मरण मेरे दादाजी (स्व. मथुरादत्त शर्मा), दादी (स्व. माधवी देवी), और परदादी, जिन्हें अम्मा कहा गया है, (स्व. दुर्गा…
करीब छह-सात वर्ष पहले जब कुमाऊं मंडल विकास निगम का बेहतरीन प्रकाशन ‘थ्रोन ऑफ गॉड्स’ (धीरज सिंह गर्ब्याल और अशोक…
बीते दिन सोर घाटी के 22 गावों के लोग सड़कों पर थे. हाथों में निशान लिये ढोल दमाऊ के साथ…
इसमें शायद ही दोराय हो कि पहाड़ का कठोर जीवन पहाड़ के बच्चों को शारीरिक तौर पर मैदानी बच्चों से…
बेरीनाग में पानी के लिए प्रदर्शन कर रहीं चालीस महिलाओं समेत 70 लोगों पर मुकदमा दर्ज. धारचूला के आपदा पीड़ितों…
गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी ऐसे चितेरे कवि-गायक हैं जो अपने गीतों में लोकजीवन, लोक-संस्कृति के साथ कुदरत का समूचा चित्र…
‘काली वार काली पार’ पुस्तक के लेखक शोभाराम शर्मा की एक दो कृतियां बहुत पहले पढ़ी थी, जिनमें उनके जनप्रतिबद्ध…
लोकपर्व फूलदेई के मौके पर 'काफल ट्री' अपने निर्माणाधीन 'सांस्कृतिक केंद्र' के नाम की घोषणा कर रहा है. हल्द्वानी में…
बात ज्यादा पुरानी भी नहीं है. उत्तराखण्ड के पहाड़ की तलहटी पर कुछ बसावटें कस्बे के सांचे में ढल रही…