कॉलम

पूरा अपना ही है देहरादून : राजेश सकलानी की कविता

देहरादून निवासी युवा कवि राजेश सकलानी के पिछले कविता संग्रह पुश्तों का बयान का में कवि और उसकी कविता के…

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बरसात की पहली लौकी लोक परम्परानुसार भूमिया देवता को अर्पित

इस साल काफी मेहनत के बाद लौकी व कद्दू की बेल अच्छी हुई है. लौकी में बालमृत्यु दर बहुत ज्यादा…

6 years ago

डाना गैराड़ के कलबिष्ट देवता की शरण में

चरवाहे लोकदेवता कलबिष्ट की शरण में (एक लोक देवता के अंकुरण की पृष्ठभूमि)-बटरोही इतने सालों के बाद क्या उसका यह…

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माट गाँव, कसारदेवी की चारु मेहरा और उसका हिमालयन हिप्पीज कैफे

अल्मोड़ा से छः किलोमीटर दूर कसारदेवी पिछले पांच दशकों से अधिक समय से दुनिया भर के यात्रियों-संगीतकारों-दार्शनिकों-अध्येताओं और साहित्यकारों को…

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उसके दामन की खुशबू हवाओं में है

हिंदी सिनेमा का एक सेट फार्मूला रहा है— नायक-नायिका. दोनों में अमीरी-गरीबी की खाई. इस खाई को पाटने की जद्दोजहद…

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मैं पहाड़ी हूं लेकिन गैरसैंण राजधानी का समर्थक नहीं

मैं पहाड़ी हूं बेरीनाग के बिनवा की तरह जिसने कुछ दिन पहले बेरोजगारी के कारण नुवान खाकर जान दे दी.…

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जड़ी-बूटियों का गढ़ है उत्तराखंड

रामायण भारतीय जनमानस के दिमाग में गहरे बैठी है. बच्चे से लेकर बूढ़े तक अक्सर इसके उद्धरण देकर जीवन के…

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तिमूर: स्वाद व औषधीय गुणों के साथ धार्मिक महत्व का पौधा

उत्तराखण्ड में पाई जाने वाली ढेरों वनस्पतियों में से ज्यादातर औषधीय गुणों से युक्त हैं. बीते समय में इनमें से…

6 years ago

रोमांटिक कहानियां लिखनी हों तो कर्णप्रयाग चलिए – टूरिस्टों को सलाह

उत्तराखंड के लगभग सभी उन स्थानों पर जिन्हें सरकार पर्यटन के लिहाज से महत्वपूर्ण मानती है, पिछले कुछ वर्षों में…

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हाल-ए-दिल उनको सुनाना था सुनाया ना गया

(पोस्ट को रुचिता तिवारी की आवाज़ में सुनने के लिए प्लेयर पर क्लिक करें) मेलोडेलिशियस-11 ये ऑल इंडिया रेडियो नहीं…

6 years ago