कॉलम

इस विपुला पृथिवी को मैं जानता ही कितना हूं

पहाड़ और मेरा जीवन – 51 (Sundar Chand Thakur Memoir) (पिछली क़िस्त: वह पहाड़ों की सर्दियों का एक जरा-सा धूप…

5 years ago

बम्बइया पिक्चर की कहानी, दिल्ली की थकान और कुमाऊं का लोकगीत: देवेन मेवाड़ी की स्मृति में शैलेश मटियानी

सन् साठ के दशक के अंतिम वर्ष थे. एम.एस.सी. करते ही दिल्ली के भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में नौकरी लग…

5 years ago

ओ चड़ी कलचुड़िया चड़ी

मेरा गांव-कालाआगर. नैनीताल से करीब 100 किलोमीटर दूर दक्षिण-पूर्व में. इस ऊंची पर्वतमाला को जिम कार्बेट कालाआगर रिज कहते और…

5 years ago

शुभ लाभ का तंत्र सूचना संचार क्रांति ‘इंडस्ट्री 4.0’

पिछले  पांच सौ सालों में विज्ञान और तकनीक ने दुनिया का चेहरा ही बदल कर रख दिया. खोज आविष्कार व…

5 years ago

एक कटी फटी परियोजना बन कर रह गया सेक्रेड गेम्स सीजन 2

कहानी से भागता, बिखरता और टूटता सेक्रेड गेम्स सीजन 2 : बेशक सेक्रेड गेम्स भाग दो, गायतोंडे, सरताज, परोलकर, माजिद,…

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“प्रेमचंद और रेणु से बड़ी प्रतिभा थे शैलेश मटियानी” – राजेन्द्र यादव

हम सब जानते हैं कि उनकी शिक्षा नहीं हुई थी. मैट्रिक का इम्तहान वे नहीं दे पाए थे. पहाड़ की…

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जन्म शताब्दी पर हल्द्वानी में याद किए गए डॉ. डी. डी. पंत

प्रख्यात भौतिक विज्ञानी व कुमाऊँ विश्वविद्यालय के पहले कुलपति डॉ. डीडी पंत के जन्म शताब्दी समारोहों की श्रंखला में हल्द्वानी…

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मेरे बाबू ईजा की अजब गजब शादी

ईजा की शादी 11 साल की उम्र में हो गयी थी. दो साल पहले ही ताऊ डिगर सिंह की शादी…

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शैलेश मटियानी एक ही था

छुरी की धार तेज करता हुआ एक किशोर ग्राहक का इन्तजार कर रहा है. अभी अभी काटा गया बकरा लोहे…

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शेखर जोशी की कालजयी कहानी ‘दाज्यू’

दाज्यू -शेखर जोशी चैक से निकलकर बाईं ओर जो बड़े साइनबोर्ड वाला छोटा कैफे है वहीं जगदीश बाबू ने उसे…

5 years ago