एक समय ऐसा भी था जब कुमाऊं में भाबर की जमीन पहाड़ियों की हुआ करती थी. पहाड़ में रहने वाले…
हे मेरे प्रदेश के वासीछा जाती वसन्त जाने से जब सर्वत्र उदासीझरते झर-झर कुसुम तभी, धरती बनती विधवा सीगंध-अंध अलि…
2 फरवरी 1925 को जन्मे पहाड़ के महान कलाकार जीत सिंह नेगी की आज पहली पुण्यतिथि है. जीत सिंह नेगी…
तुम्हारी निश्चल आंखेंचमकती हैं मेरे अकेलेपन की रात के आकाश मेंप्रेम पिता का दिखाई नहीं देताईथर की तरह होता हैजरूर…
अगर आप खुशी की तितली के पीछे भागोगे, तो कभी उसे पकड़ न पाओगे. आपको अगर बचपन में खुले मैदानों…
जी! आप चैंकिए मत! थी यह बोर्ड परीक्षा ही, लेकिन हम चैड़ूधार के सभी छात्र-छात्राओं उर्फ छोर-छ्वारों के लिए पांचवी…
पंकज सिंह महर था तो सरकारी नौकरी (विधानसभा में प्रतिवेदक/रिपोर्टर) में, पर राज्य बनने के दो दशक बाद भी विकास…
जब हम छोटी कक्षाओं के छात्र हुआ करते और बड़े भाई जो घर के मुखिया भी थे, पुरोहिती का कार्य…
ट्रेलर देखने के बाद से ही फिल्म का इंतजार शुरु था. इस फिल्म के बारे में पढ़ने से पहले यह…
उत्तराखण्ड का गढ़वाल-कुमाऊं दुनिया का शायद एकमात्र ऐसा भूभाग है जहाँ हर रात्रि सद्यःप्रसूता होती है और हर दिन नवजात…