अब बड़े-बड़े शहरों में दाइयाँ, नर्सें और लेडी डाक्टर, सभी पैदा हो गयी हैं; लेकिन देहातों में जच्चेखानों पर अभी…
किसी समय एक मनुष्य ऐसा पापी था कि अपने 70 वर्ष के जीवन में उसने एक भी अच्छा काम नहीं…
किसी जमाने की बात है. एक गांव में सास-बहू रहा करते थे. जैसा की पहाड़ों के हर घर में होता…
पिछले कई वर्षों से, लगभग प्रत्येक मंगलवार को, वह हनुमान मन्दिर आता रहा है. अपनी सम्पूर्णता में सिन्दूर-तेल से सनी…
एक था गरीब ब्राह्मण. उसकी एक पत्नी थी – ब्राह्मणी. ब्राह्मणी घूम-घूम कर भीख माँगा करती थी. इसी तरह वे…
इतना बड़ा घर था, खाने-पहनने और हर तरह की सुविधा थी, फिर भी उमा के जीवन में बहुत बड़ा अभाव…
कुछ समय पहले तक यह माना जाता था की अचल पत्रिका में प्रकाशित गोविन्द वल्लभ पन्त की कहानी 'एक रुपैंक…
एक गिरगिट था. अच्छा, मोटा-ताजा. काफी हरे जंगल में रहता था. रहने के लिए एक घने पेड़ के नीचे अच्छी-सी…
कई साल पहले कश्मीर की ऊँची पहाड़ियों में एक धनी किसान रहता था, जिसका नाम द्रूस था. हालाँकि उसके पास…
कोतवाल का हुक्का, हाल ही में प्रकाशित कथा संग्रह है, अमित श्रीवास्तव का. उत्तराखण्ड पुलिस महकमे में आईपीएस अधिकारी हैं.…