समाज

एक समय जागेश्वर में शव साधना किया करते थे अघोरपन्थी

कुमाऊँ में रुहेला आक्रमणकारियों ने लगभग सभी मन्दिरों को लूटा और उनमें रखी हुई मूर्तियों को तोड़ा. जागेश्वर ही अपनी…

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हमारी दुधबोली के संरक्षक मथुरादत्त मठपाल का जन्मदिन है आज

रामनगर में पंपापुरी में स्थित एक सामान्य से घर की पहली मंजिल पर स्थित एक कमरे में जब आप जाते…

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पीन सुंदरी: उत्तराखण्ड की नायिका कथा

मेरे एक दोस्त कहते थे महिलाएँ सब एक सी होती हैं. उनका संदर्भ शायद शेक्सपियर के औरत तेरा दूसरा नाम…

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दादा दौलतराम : टिहरी रियासत के विरुद्ध जन-संघर्षों का अग्रणी व्यक्तित्व

‘‘आज तक राजा ने हमको पढ़ने-लिखने का अवसर नहीं दिया जिससे हम बायां अंगूठा लगाने को मजबूऱ हैं, लेकिन अब…

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उत्तराखण्ड के लोक संगीत के एक युग थे जीत सिंह नेगी

एक पखवाड़े के भीतर उत्तराखण्ड के लोक संगीत को दूसरा बड़ा झटका रविवार 21 जून 2020 को लगा, जब यहॉ…

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गढ़वाली गीत-संगीत-रंगकर्म का आदिपुरुष : जीत सिंह नेगी

साल 2014 में मैं जब जीत सिंह नेगीजी से पहली बार रूबरू मिला था तो सोचा था कि वापसी में…

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कुमाऊनी लोककथा- जानवरों और पक्षियों की बोली समझने वाली ब्वारी की हत्या

बड़ी पुरानी कथा है. एक गाँव में एक लड़के को उसके बाप ने बड़े ही लाड़ से पाला. मां के…

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गढ़वाली लोकगीत के पितामह जीत सिंह नेगी का निधन

1950 के दशक में एक खुदेड़ दिल्ली बंबई रहने वाले उत्तराखंड के प्रवासियों के बीच खूब लोकप्रिय हुआ, उसके बोल…

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शहर की परिधि से दूर अपनी जड़ों को लौटते पहाड़ी प्रवासी

जून का पहला हफ्ता कुछ गर्म थपेड़ों वाला लेकिन मानसून की आश में झूमता हुआ मानसून पूर्व बारिशों में भीग…

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गढ़वाल सैन्य परंपरा का प्रारम्भिक महानायक : लाट सूबेदार बलभद्र सिंह नेगी

‘जिस अंचल में बलभद्र सिंह जैसे वीरों का जन्म होता है, उसकी अपनी अलग रेजीमेंट होनी ही चाहिए.’ कमान्डर इन…

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