समाज

नैनीताल में साइकिल रिक्शा अब इतिहास की बात हुई

बीते दिन पर्यटन नगरी नैनीताल में ई-रिक्शे का संचालन शुरु हुआ. इसी के साथ नैनीताल में 175 सालों तक सवरियां…

3 years ago

हरेला पर लिखो और उपहार पाओ

दुनिया भर में आज तक किसी भी देश की मुख्य नीति में पर्यावरण कोई मुद्दा नहीं है वहीं उत्तराखंड का…

3 years ago

हनोल का महासू देवता मंदिर

देवभूमि उत्तराखण्ड को शिव का निवास माना गया है. यहां भगवान शिव को कई रूपों में पूजा जाता है. हिमाचल…

3 years ago

प्रोफेसर नरेन्द्र सिंह बिष्ट की कुमाऊं विश्वविद्यालय में एक लम्बी पारी

अभी चंद दिनों पहले कुमाऊँ विश्वविद्यालय के वरिष्ठतम प्रोफेसर एन.एस. बिष्ट जी सेवानिवृत हो गये और बहुत से लोगों को…

3 years ago

पाइन्स तब हमारे लिए ‘पेनल्टी प्वाइन्ट’ हुआ करता

पर्यटक देशी हो अथवा विदेशी अथवा सूदूर पहाड़ों के गंवई हों, नैनीताल को एक बार देखने की चाहत सभी में…

4 years ago

समळौण्या होती सैकोट के सेरों की रोपाई

गढ़वाल के उन गिने-चुने गाँवों में से एक है सैकोट जिनकी उपजाऊ ज़मीन पहली नज़र में ही मन को भा…

4 years ago

पथरीली राहों का सफर : स्कूल और वह मौत का लठ्ठा पुल

 संस्मरण -2 यूं तो चिल्किया से दशौली, डौणू, भदीणा का कोई सीधा नाता नहीं था. प्राइमरी की पढ़ाई करने ग्राम…

4 years ago

पहाड़ी क्षेत्रों की महिलाओं का प्रसव भगवान भरोसे होता है

मां के गर्भ में शिशु उसका ही अंश होता है और हर मां को अपना शिशु प्यारा होता है. यही…

4 years ago

अब सुनने को नहीं मिलते हैं पहाड़ के मेलों में ‘बैर’

वैरा जिसे बैर भी कहते हैं,  इसका शाब्दिक अर्थ संघर्ष है जो गीत-युद्ध के रूप में गायकों के बीच होता…

4 years ago

भाबर के इलाके वास्तव में पहाड़ियों की ही भूमि है

एक समय ऐसा भी था जब कुमाऊं में भाबर की जमीन पहाड़ियों की हुआ करती थी. पहाड़ में रहने वाले…

4 years ago