समाज

‘टपकिया’ बिना अधूरा है झोली-भात

आज बात करते हैं भात के साथ का दमदार साथी टपकिया की. टपकिया शब्द टपुक से बना है टपुक दरअसल…

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सोमेश्वर घाटी में श्रम का महीना ‘असोज’

सोमेश्वर, कोसी और साईं नदी के बेसिन पर बसा एक उपजाऊ इलाका है. मुख्य फसल धान वाली सोमेश्वर घाटी को…

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उत्तराखंड के रीति-रिवाज़ों पर भी पलायन की मार

पलायन के साथ-साथ रीति रिवाजों का पलायन भी जोर पकड़ रहा है. पहले अपनी क्षमता के अनुसार खेती करके, उसमें…

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पितृ पक्ष में ईजा समेत परिवार की सभी मृत महिलाओं को याद करने का दिन है आज

पहाड़ समेत पूरे विश्व में हिन्दू धर्म में आस्था रखने वालों के लिये इन दिनों पितृ पक्ष चल रहा है.…

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प्रो. खड्ग सिंह वल्दिया की पहली पुण्यतिथि है आज

पिछले वर्ष आज ही के दिन हिमालय पुत्र प्रो. खड्ग सिंह वल्दिया निधन हुआ था. प्रो. खड्ग सिंह वल्दिया का…

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पारम्परिक दाल-भात बनाने का तरीका

आज मैं आपको पहाड़ के खानपान के बारे में बताता हूं. पहले मैं आपको यह बताता चलूं कि मैं पहाड़ी…

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कोट: उत्तराखंड में राजा महाराजाओं के प्राचीन किले

उत्तराखंड के कुमाऊं, गढ़वाल में बहुत से गाँव और ऐसी जगहें हैं जिनके पीछे “कोट” शब्द आता है. जिन गाँव…

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महंगाई की मार पर एक पुराना कुमाऊनी लोकगीत

कुमाऊं और गढ़वाल के क्षेत्र में समसमसामायिक मुद्दों पर गीत कहने और सुनाने की बड़ी पुरानी परम्परा रही है. यहाँ…

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पुरुषों के वर्चस्व वाले परम्परागत पेशे को अपनाने वाली सोमेश्वर की ‘गीता’ की कहानी

हम अक्सर बात करते हैं कि महिलायें आज पुरुषों से कम नहीं हैं. आज महिलाओं ने हर जगह अपनी पैठ…

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पहाड़ों में श्राद्ध के भोजन का अनोखा ही स्वाद होता था

पहले श्राद्ध का गांव में विशेष इन्तजार रहता था . सोलह सरादों में सभी घरों में सराद होता है और…

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