समाज

एक थे कैप्टन धूम सिंह चौहान

बचपन से लेकर जवानी के दिनो तक हम गौचर कस्बे को मेले के लिए जानते थे. गौचर-पानाई का समतल, सेरे…

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बद्रीनाथ की 200 साल पुरानी तस्वीर

1808 के समय तक यह माना जाता था कि गढ़वाल स्थित गोमुख में गंगा का उद्गम स्थल है लेकिन कुछ…

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इगास लोकपर्व को राजपत्र में स्थान मिलने के मायने

आज का दिन ऐतिहासिक बन गया है. इक्कीस साल के उत्तराखण्ड में, इसके किसी लोकपर्व को पहली बार राजपत्र में…

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गिरीश तिवारी ‘गिर्दा’ की कविता: बाल दिवस विशेष

प्रख्यात जनधर्मी कलाकार-कवि के रूप में गिर्दा हमारे दिलों में अमर हैं. बाल दिवस पर सुनिये युवा कलाकार करन जोशी द्वारा…

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ठेठ पहाड़ी खेलों की याद

खेल के मैदान में आजकल भारत के कई खिलाड़ी कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं. पढाई के साथ खेलकूद को भी…

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कुमाऊं के अल्मोड़ा क्षेत्र में जब समुद्री यात्रा करने वाले को जाति से बाहर किया जाता था

भारत में लम्बे समय तक समुद्री यात्रा करना पाप समझा जाता था जिसका एक कारण हिन्दू धर्म में समुद्र को…

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वह स्लेटी रंग का संदूक

फिर आई दिवाली, मां ने फिर वहीं पुराना राग अलापा. “सब कबाड़ घर का बाहर निकाल दो साफ सफाई करके…

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इतिहास लेखन में महिलाओं की ध्वजवाहक ‘गुलबदन बेगम’

1520 का वक़्त था जब तेरह वर्षीय हुमायूँ को बाबर ने बदक्खशा का सूबेदार नियुक्त किया गया. हुमायूँ की उम्र…

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लालमणि-खीमदेव की फर्म तम्बाकू के लिए प्रसिद्ध थी

पहाड़ की प्रमुख मंडी हल्द्वानी के आबाद होने की कहानी बहुत रोचक है. इसका वर्तमान चाहे कितना ही स्वार्थी हो…

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पिथौरागढ़ के बच्चों और युवाओं ने मिलकर बनाई पारम्परिक ऐपण वाली दिवाली लाइट्स

हरेला सोसायटी अपने नये-नये प्रयोगों के लिये बेहद लोकप्रिय है. हरेला सोसायटी का अपसाइल्किलिंग का काम पिछले कुछ वर्षों से…

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