समाज

गीता जयंती 2021: कुमाऊनी में भगवत गीता के महत्वपूर्ण श्लोक

माना जाता है कि मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन भगवान कृष्ण ने अर्जुन के माध्यम से इस संसार को गीता के उपदेश दिये थे. इसी कारण इस दिन को गीता जयंती के रूप में देशभर में मनाया जाता है. इस वर्ष 14 दिसम्बर के दिन गीता जयंती मनाई जा रही है. गीता जयंती पर भगवत गीता के दूसरे अध्याय के कुछ श्लोकों का कुमाऊनी अनुवाद पढ़िये:
((Bhagavad Gita Kumaoni Translation))

संजय बलाण

दुःख टीथ लै ब्याकुल आँसु भरिया आँख जैका
तै अर्जुन तूं मधुसूदन यो बचन बुलाणा।।1।।

श्रीभगवान बलाण

कसिक त्विमें अज्ञान, विषमथल में यो उपजो?
श्रेष्ठ जनन का लैक न्हाँति, नै स्वर्ग न जस द्योल।।2।।

पार्थ नपुंसकता के पलि खेड़, छाजनि न त्वे में।
छुद्र हृदय-दुर्बलता कै छोड़ि अर्जुन ठाड़ हो।।3।।

अर्जुन बलाण

मैं बाणन लै युद्ध भूमि में द्रोण, भीष्म सँग।
कसिक लडुल हो मधुसूदन? ॐ द्वियै पूज्य छन्।।4।।

गुरुन् नि मारी यै लोक में याँ
ज्यादा छ भल भीख को अन्न खाँणो।
मारी उनन कैं आखिर के भोगुल
ल्वे में सानी कामसम्पत्ति भोगन्।।5।।

न हम यो जाणना करण ठीक के होल
यो लै नि जाणना बिजय कैकि होली।
मारी जनन् हम लै बचणा नि चाँना
ठाड़ छन् उई बन्धु कौरब सामुणि बे।।6।।
(Bhagavad Gita Kumaoni Translation)

कायर बणी भै स्वभाव दूषित
धर्मेल हुकी जस पुछू तुमन् थें।
जो श्रेयकर, निश्चित, ऊ बताऔ
तुमरी शरण शिष्य छू-शिक्ष दीयौ।।7।।

द्याप्तन को स्वामित्व लै गर मिली जा,
धर्ती में निष्कंटक ऋद्ध शासन्
जो दुःख मेरि इन्द्रिन मैं सुकूणौ
वीकन् हटूनेर साधन् नि देखन्यू।।8।।

संजय बलाण

हृषीकेश थे यस् कै निद्राजित लै राजन।
“नी लड़न्यूं गोबिन्द!” और फिरि चुप है गैयो।।9।।

द्वी फौजन का बीच कृष्ण लै हँसन् मुखैल जस-
हे भारत! तै शोकयुक्त थे यसो बचन कै।।10।।
(Bhagavad Gita Kumaoni Translation)

-चारुचन्द्र पांडे

यह अनुवाद उत्तराखंड के वरिष्ठ लेखक स्व. चारू चन्द्र पांडे द्वारा किया गया है जिसे पुरवासी पत्रिका के सोलहवें अंक से साभार लिया गया है. हल्द्वानी में रहने वाले चारू चन्द्र पांडे ने कुमाऊनी, हिन्दी और अंग्रेजी तीनों में साहित्य लेखन का कार्य किया.

इसे भी पढ़ें: भगवत गीता के श्लोकों का कुमाऊंनी अनुवाद

Support Kafal Tree

.

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

Recent Posts

कुमाउँनी बोलने, लिखने, सीखने और समझने वालों के लिए उपयोगी किताब

1980 के दशक में पिथौरागढ़ महाविद्यालय के जूलॉजी विभाग में प्रवक्ता रहे पूरन चंद्र जोशी.…

2 days ago

कार्तिक स्वामी मंदिर: धार्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य का आध्यात्मिक संगम

कार्तिक स्वामी मंदिर उत्तराखंड राज्य में स्थित है और यह एक प्रमुख हिंदू धार्मिक स्थल…

4 days ago

‘पत्थर और पानी’ एक यात्री की बचपन की ओर यात्रा

‘जोहार में भारत के आखिरी गांव मिलम ने निकट आकर मुझे पहले यह अहसास दिया…

7 days ago

पहाड़ में बसंत और एक सर्वहारा पेड़ की कथा व्यथा

वनस्पति जगत के वर्गीकरण में बॉहीन भाइयों (गास्पर्ड और जोहान्न बॉहीन) के उल्लेखनीय योगदान को…

7 days ago

पर्यावरण का नाश करके दिया पृथ्वी बचाने का संदेश

पृथ्वी दिवस पर विशेष सरकारी महकमा पर्यावरण और पृथ्वी बचाने के संदेश देने के लिए…

1 week ago

‘भिटौली’ छापरी से ऑनलाइन तक

पहाड़ों खासकर कुमाऊं में चैत्र माह यानी नववर्ष के पहले महिने बहिन बेटी को भिटौली…

2 weeks ago