समाज

विरासत है ‘खन्तोली गांव’ की समृद्ध होली परम्परा

https://www.youtube.com/embed/C1okbwnThc8 मुझे पहला मंच मेंरे गांव खन्तोली की होली में मिला. गांव के लोगों के प्रोत्साहन और शाबासी ने ही…

3 years ago

‘गरमपानी का रायता’ भुलाये नहीं भूलता जिसका स्वाद

कुमाऊं के गांव से जुड़े पहाड़ी को भले अपनी उमर ठीक से याद हो या न हो पर उनको गरमपानी…

3 years ago

दुनिया में सबसे पहले चावल की खेती चूहे और चुहिया ने की: कुमाऊनी लोककथा

दुनिया में सबसे पहले धान खेती किसने की इस सवाल के हज़ारों जवाब मिलते हैं. इतिहास, विज्ञान, लोकमान्यताओं का ढेर…

3 years ago

‘उस्ताद अमानत हुसैन’ कुमाऊनी शास्त्रीय होली के जनक

इस बात में कोई दोराय नहीं है कि कुमाऊं क्षेत्र में का आगमन मथुरा के आस-पास के इलाकों से हुआ…

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‘अभागी पत्नी’ कुमाऊनी लोककथा

एक गांव में एक व्यापारी अपनी दो पत्नियों के साथ रहता था. दोनों पत्नियाँ आपस में खूब झगड़ा करती थी…

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शंखनाद से कम आध्यात्मिक नहीं हिमालयी मवेशियों के गले में बंधी तिब्बती घंटियों के सुर

हिमालयी चरवाहों के मवेशियों के गले में बंधी तिब्बती घंटियाँ और उनकी ध्वनि भी इन चरवाहों के जीवन की तरह…

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पहाड़ों में चीड़ के पेड़ को अपवित्र मानने के पीछे की लोककथा

एक बार भादौ के महीने में गौरी कैलाश से अपने मायके के लिये निकलती हैं और रास्ता भटक जाती हैं.…

3 years ago

शिवरात्रि के बाद कुमाऊं की होली में यौवन का रंग भरने लगता है

https://www.youtube.com/watch?v=E-rzeDDsiuI&list=PLyZyHtcUKK2UKKs3mnDI9845lwGVURGC4&index=5 कहते हैं शिवरात्रि के बाद कुमाऊं की होली में यौवन का रंग भरने लगता है. शिवरात्रि के दिन से…

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कुमाऊं का सबसे समृद्ध कौतिक था ‘ठुल थल’

कुमाऊं में लगने वाले मेलों में थल का मेला सबसे महत्वपूर्ण मेलों में शामिल रहा है जो धार्मिक और व्यापारिक…

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बुढ़िया के घर में नौसिखिया लड़का- लोककथा

एक बार एक बुढ़िया ने जातर ठीक करने के लिये कुंवर सिंह नाम के व्यक्ति को बुलावा भेजा. कुंवर सिंह…

3 years ago