समाज

‘गढ़केसरी’ अनुसूया प्रसाद बहुगुणा का जन्मदिन है आज

रूद्रप्रयाग जिला मुख्यालय से करीब 32 किमी की दूरी पर एक गांव है ककड़ाखाल. साल 1921 में जब कुमाऊं के…

5 years ago

पहाड़ के पारंपरिक जड़ी-बूटी ज्ञान को झोलाछाप कहकर ख़ारिज नहीं किया जा सकता

मध्य हिमालय की जंगलों में मिलने वाली वनस्पति स्वस्थ बनाये रखने, निरोग रहने व दीर्घायु प्रदान करने के लिए गुणकारी मानी गईं. इन…

5 years ago

‘कुमाऊं केसरी’ बद्रीदत्त पाण्डे का जन्मदिन है आज

लगभग चालीस सालों से चले आ रहे अल्मोड़ा अखबार ने 1913 के बाद ही धार पकड़ी. अल्मोड़ा अख़बार ने जब…

5 years ago

नर्सरी राइम तो खूब पढ़ी होगी आज पढ़िये ठेठ कुमाऊनी राइम

शिक्षा की बदहाली के प्रतीक बने, हर मौहल्ले में कुकुरमुत्ते सरीखे उगे प्ले स्कूल के आगे पीछे गुजरते आपने नर्सरी…

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नत्थू सिंह खरोला उर्फ़ नत्थू कमाण्डिंग के मायने

हमारे गांव में मन्नाण - गांव में सार्वजनिक स्थल अर्थात पंचायती चौक के उत्तर, दक्षिण व पूरब दिशा में आबादी…

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विश्व रेडियो दिवस पर कुमाऊं के पहले सामुदायिक रेडियो की कहानी

कुमाऊं का पहला सामुदायिक रेडियो ‘कुमाऊं वाणी’ आज वर्ल्ड रेडियो डे के मौके पर 9 साल 11 माह 2 दिन…

5 years ago

भ्वींन : रात में गाये जाने वाले धार्मिक कुमाऊनी गीत

भ्वींन को भ्वैन या भ्वैंनी भी कहते हैं. झोड़ा और चांचरी की तरह गाया जाने वाला यह समूह गीत वृत्ताकार…

5 years ago

अतीत में बहुत स्वावलम्बी था हमारा पहाड़ी जनजीवन

कहते हैं आवश्यकता आविष्कार की जननी होती है. मानव सभ्यता ज्यों-ज्यों विकास के सोपान चढ़ती गयी, वैज्ञानिक सोच और तकनीकी…

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पिथौरागढ़ की एक अलसाई सुबह का रेखाचित्र

हर शहर की अपनी एक सुबह होती है उसकी कुछ ख़ास आदतें होती हैं जो उसे ओरों से जुदा बनाती…

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स्मार्ट सिटी और नॉट सो स्मार्ट सिटीज़न

कमोबेश पिछले आधा दर्ज़न वर्षों से हम स्मार्ट सिटी का सपना देख रहे हैं. जिस तरह आदमी की हजामत बना,…

5 years ago