समाज

भ्वींन : रात में गाये जाने वाले धार्मिक कुमाऊनी गीत

भ्वींन को भ्वैन या भ्वैंनी भी कहते हैं. झोड़ा और चांचरी की तरह गाया जाने वाला यह समूह गीत वृत्ताकार…

5 years ago

अतीत में बहुत स्वावलम्बी था हमारा पहाड़ी जनजीवन

कहते हैं आवश्यकता आविष्कार की जननी होती है. मानव सभ्यता ज्यों-ज्यों विकास के सोपान चढ़ती गयी, वैज्ञानिक सोच और तकनीकी…

5 years ago

पिथौरागढ़ की एक अलसाई सुबह का रेखाचित्र

हर शहर की अपनी एक सुबह होती है उसकी कुछ ख़ास आदतें होती हैं जो उसे ओरों से जुदा बनाती…

5 years ago

स्मार्ट सिटी और नॉट सो स्मार्ट सिटीज़न

कमोबेश पिछले आधा दर्ज़न वर्षों से हम स्मार्ट सिटी का सपना देख रहे हैं. जिस तरह आदमी की हजामत बना,…

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उत्तराखंड के एक गांव में लोगों ने मरीज को हेलीकॉप्टर से अस्पताल पहुंचाने के लिये जुटाए 2 लाख रुपये

बीती शाम उत्तराखंड के मुख्यमंत्री फेसबुक के माध्यम से सीधे जनता के जवाब देते दिखे. इस साल के उत्तराखंड बजट…

5 years ago

आप खुद कर सकते हैं मोटे तौर पर कुण्डली मिलान

शादी ब्याह के लिए रिश्ते की शुरूआत वर एवं कन्या के कुण्डली मिलान से होता है. कुण्डली मिलान के लिए…

5 years ago

बुरांश, प्योंली और बिच्छू घास से बने रंगों संग अबके बरस की होली

हरेला सोसायटी नाम से काफल ट्री के पाठक परिचित हैं. पिछले पांच छः सालों में पिथौरागढ़ जिले को पर्यावरण के…

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हिट तुमड़ि बाटे-बाट, मैं कि जानूं बुढ़िया काथ : कुमाऊं की एक लोकप्रिय लोककथा

किसी गांव में एक बुढ़िया थी. बूढी और निर्बल बुढ़िया एक अकेले घर में रहती थी. एक साल जाड़ों के…

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युवा मन का शेर ‘शमशेर’ : जन्मदिन विशेष

‘आज शाम ठीक 4 बजे चौघानपाटा में… के खिलाफ आम जन की आवाज बुलंद करने के लिए शमशेर बिष्ट एवं…

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बचपन में गौरेया हमारे जीवन में रची-बसी थी

देहरादून में घर के पीछे दीवार पर जो लकड़ी के घोसले मैंने टाँगे थे उनमें गौरेयों ने रहना स्वीकार कर…

5 years ago